भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से प्रश्न किया है कि ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि वे सरकार बनने के पहले दिन से दिग्विजय सिंह को बर्दाश्त करते रहे और अंतत: सरकार गिराने का खामियाजा भुगतना पड़ा।
उनके दबाव में लगातार अपने ही विधायकों और मंत्रियों का अपमान क्यों किया। क्यों उनके बेटे को कैबिनेट मंत्री बनाने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों की राजनीति का गला घोंटा। यह जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए।
शर्मा ने आशंका व्यक्त की कि कोई ऐसा कारण जरूर है, जिसके चलते मुख्यमंत्री के रूप में कमल नाथ ने लगातार दिग्विजय सिंह की नाजायज बातों को सहन किया। अगर नाथ समय रहते उन बातों का राजफाश करते, तो शायद तमाम विधायकों को अपनी विधायकी का बलिदान नहीं देना पड़ता। नाथ आज अपना सिर नहीं धुन रहे होते।
कमल नाथ ने भारत की राजनीति में ईमानदारी और शुचिता की परंपरा कायम रखने वाले सिंधिया परिवार के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया को सड़क पर उतरने की नसीहत दे डाली।