कमर्शियल जोन में सक्सेसफुल फिल्म बनाना मुश्किल काम होता है। ओटीटी प्लेटफॉर्म के आने के बाद सिनेमा को अपनी परिभाषाएं और भाषाएं नए सिरे से तलाशनी पड़ रही हैं। ऐसे में फिल्म का कैनवास जितना संभव हो सके बड़ा बनाने का प्रयास हमारे फिल्ममेकर्स कर रहे हैं।
उसी कड़ी में बागी 3 शुमार है। यह कहानी है दो भाइयों रॉनी ( टाइगर श्रॉफ) और विक्रम ( रितेश देशमुख) की। कास्टिंग से ही जाहिर है रॉनी बहुत शक्तिशाली है और अपने भाई से बहुत प्यार करता है। विक्रम थोड़ा कमजोर है और थोड़ा बुजदिल भी और इसीलिए रॉनी अपने भाई के लिए हर मुश्किल में ढाल बनकर खड़ा होता है।
रॉनी की बहादुरी के चलते विक्रम को पुलिस में नौकरी मिल जाती है और विक्रम रॉनी की मदद से ही एक बहादुर पुलिस ऑफिसर के तौर पर जाना जाने लगता है। पुलिस डिपार्टमेंट विक्रम को सीरिया में कुछ इंक्वायरी करने के लिए भेजता है, मगर वहां विक्रम के लिए मुश्किलों का पहाड़ खड़ा हो जाता है और उसे छुड़ाने के लिए रॉनी जा पहुंचता है।
यही कहानी है ‘बागी 3’ की। ‘बागी 1’ और ‘बागी 2’ की सफलता के बाद इस फ़िल्म में भी भरपूर एक्शन और रोंगटे खड़े कर देने वाले दृश्यों को पिरोया गया है। लार्जर देन लाइफ एक्शन को निर्देशक अहमद खान ने बड़ी खूबसूरती के साथ पर्दे पर उतारा है।
एक सक्सेसफुल कमर्शियल फिल्म की खासियत यही होती है कि दर्शकों को पता होता है कि नायक जीतने वाला है और उसके बावजूद भी पूरी उत्सुकता से कुर्सी पर जमे रहते हैं। इसमें अहमद खान पूरी तरह से सफल होते हैं। टाइगर श्रॉफ ने जिस तरह के स्टंट और एक्शन फिल्में किए हैं, वह वाकई हैरतअंगेज है।
इस फिल्म से एक खास बात और नजर आती है कि कई सारे इमोशनल सींस में भी टाइगर श्रॉफ कहीं ज्यादा बेहतर नजर आ रहे हैं। रितेश देशमुख एक समर्थ अभिनेता हैं। वह अपनी जगह हर कहीं तलाश लेते हैं। विक्रम के किरदार में उनसे बेहतर कुछ हो नहीं सकता।
बाकी सारे किरदार, भले ही वो श्रद्धा कपूर हों या अंकिता लोखंडे, उन्हें फॉर्मेलिटी के तौर पर रखा गया है, जिनका होना ना होना फिल्म पर कोई फर्क नहीं डालता। कुल मिलाकर बागी 3 कमर्शियल जोन की एक सफल फिल्म है, जिसमें भरपूर मनोरंजन सफल रूप से दर्शकों को परोसा गया है। आप इसका आनंद सपरिवार ले सकते हैं।