सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से गूगल के Gemini AI Photos का Nano Banana फीचर काफी ज्यादा पॉपुलर हो रहा है। काफी लोग अपनी फोटो को इस फीचर का इस्तेमाल करके 3D मॉडल, रेट्रो साड़ी लुक और एनिमेटेड कैरेक्टर्स में चेंज कर रहे हैं और अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं, लेकिन मजेदार एडिटिंग के बीच काफी लोगों के मन में अब ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या इन फोटो से आपकी लोकेशन लीक हो सकती है? तो चलिए आज इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं….
इस पर गूगल का क्या है कहना?
दरअसल, इस मामले पर गूगल का कहना है कि Gemini पर अपलोड की गई फोटो सेफ हैं जिसे गूगल के सर्वर पर ही प्रोसेस किया जाता है और बिना आपकी परमिशन के न तो इनका किसी थर्ड पार्टी को एक्सेस किया जाता है न ही इनका इस्तेमाल AI ट्रेनिंग के लिए होता है, यानी आपके डेटा का यूज तभी होगा, जब आप खुद इसकी परमिशन देंगे। कंपनी का यह भी कहना है कि Gemini टूल यूरोप के GDPR और अमेरिका के CCPA जैसे सख्त डेटा रूल्स फॉलो करता है।
यहां से लीक हो सकता है डेटा…
हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोकेशन लीक होने का असली खतरा फोटो के कंटेंट से नहीं, बल्कि मेटाडेटा से होता है। यानी जब आप किसी मोबाइल या कैमरे से फोटो कैप्चर करते हैं, तो उसके साथ कई डिटेल्स सेव हो जाती हैं जैसे किस डिवाइस से फोटो ली गई है, किस दिन और किस टाइम फोटो कैप्चर हुई है और सबसे अहम इसमें लोकेशन भी होती है।
ऐसे में अगर आप ये डेटा क्लियर किए बिना आप किसी प्लेटफॉर्म पर फोटो अपलोड कर देते हैं, तो आपकी लोकेशन लीक हो सकती है। इससे ये साफ हो जाता है कि साड़ी वाली फोटो हो या 3D मॉडल वाली, खतरा फोटो के स्टाइल से नहीं, बल्कि उसमें हाईड हो रखे मेटाडेटा से है।