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Tarot Card Reading: इन मूलांकों चमक सकती है किस्मत, जरूर फॉलो करें ये टिप्स

वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 13 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। टैरो कार्ड रीडिंग (Tarot card reading) के अनुसार, आज यानी 13 जून के दिन मूलांक 1 और 4 के लोगों को शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है। मूलांक 1 के स्वामी सूर्य देव और मूलांक 4 के स्वामी राहु देव हैं।
बता दें, व्यक्ति का मूलांक मूलांक ग्रह एवं नक्षत्रों की चाल और व्यक्ति की जन्म तिथि के अनुसार तय किया जाता है। मूलांक की मदद से व्यक्ति के जीवन से जुड़ी बातों के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है। ऐसे में आइए अंक ज्योतिष और टैरो विशेषज्ञ पल्लवी एके शर्मा से जानते हैं कि कैसा रहने वाला है मूलांक 1 और 4 के लिए आज का दिन।

इन बातों का रखें ध्यान

  • जीवन में लोगों से जुड़ें और उनके दिव्य मार्गदर्शन को समझें।
  • आज एक अच्छी दिनचर्या और समर्पण बनाए रखने की कोशिश करें।
  • किसी से भी मदद लेना या स्वीकार करना मुश्किल होता है।
  • मूलांक 1 और 4 के पास काम और जीवन के प्रति एक अच्छा व्यावहारिक दृष्टिकोण है। अगर समझदारी से इस्तेमाल किया जाए तो यह आपको कई गुना हासिल करने में मदद कर सकता है।
  • अपनी वित्तीय योजनाओं के बारे में चर्चा करने और निर्णय लेने के लिए शानदार दिन है।
  • अपनी जीवन योजनाओं को प्राप्त करने के लिए आपके समर्पित, मेहनती और अनुशासित रवैये की सराहना करें।

इन कार्यों से बनाएं दूरी

  • कठोर होना।
  • अहंकारी होना।
  • बहुत अधिक गैजेटिंग करना।

आज कुछ देर के लिए बिना रुके इसका जाप करें – ”मैं खुश हूं, मैं वर्तमान में स्थिर हूं, मैं आभारी हूं।”

पूजा के दौरान करें इन मंत्रों का जप

  • ओम नमो भगवते वासुदेवाय।
  • ॐ नमः शिवाय।
  • ॐ हुं हनुमते नमः

अगर आप जीवन में संकटों का सामना कर रहे हैं, तो रोजना पूजा के दौरान सच्चे मन से हुनमान चलिए का पाठ करें।धार्मिक मान्यता के अनुसार, हनुमान चालीसा का पाठ करने से साधक को जीवन के सभी तरह के संकटों से छूटकर मिलता है। साथ ही हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।

शुक्रवार के दिन करें मां लक्ष्मी के इन मंत्रों का जप

1. या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। 

या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ 

या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। 

सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥ 

2. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ । 

3. ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।। 

4. ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। 

मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।। 

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ 

5. ॐ ह्रीं क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी नृसिंहाय नमः । 

ॐ क्लीन क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी देव्यै नमः ।। 

6. ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा । 

7. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ। 

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