सीओ खजनी उदय प्रताप राजपूत ने बताया कि सुधीर सिंह के आत्मसमर्पण की सूचना मिलने के बाद एक टीम लखनऊ रवाना कर दी गई है, जो ट्रांजिट रिमांड की प्रक्रिया पूरी कर उसे गोरखपुर लाने का प्रयास करेगी। अब जांच इस दिशा में भी बढ़ रही है कि माफिया इतने दिनों तक किन-किन लोगों की मदद से छिपा रहा और सरेंडर की योजना किसने बनाई।
माफिया ने उजागर की पुलिस की कमजोरी 

इस पूरे घटनाक्रम ने गोरखपुर पुलिस की कार्यशैली और उसकी सूचना तंत्र की कमजोरी को उजागर कर दिया है। कई सवाल खड़े हो रहे हैं,जब इंटरनेट मीडिया पर सुधीर सक्रिय था, तो उसे ट्रैक क्यों नहीं किया गया?
क्या पुलिस की सूचनाएं पहले ही लीक हो रही थीं? क्या सुधीर ने साजिश के तहत इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल कर भ्रम फैलाया? सुधीर सिंह प्रदेश के 68 और जिले के टाप 10 माफिया की सूची में शामिल है।