क्या होती कंपनी एफडी
कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (CFD), जिसे कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट भी कहा जाता है। यह एफडी, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) द्वारा इश्यू की जाती है, और इसका उद्देश्य जनता से धन जुटाने के लिए किया जाता है।
ज्यादा रिटर्न, ज्यादा रिस्क
कंपनी एफडी में ब्याज ज्यादा मिलता है इसलिए रिस्क भी उतना ही होता है। दरअसल, सीएफडी में बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह इंश्योरेंस और लोन गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा सुरक्षा कवर नहीं मिलता है।
कैसे करें कंपनी एफडी में निवेश
चूंकि, कंपनी या कॉरपोरेट एफडी में DICGC से रिस्क कवर नहीं मिलता है इसलिए इनमें निवेश करने से पहले एनबीएफसी या एफडी जारी करने वाली कंपनी की क्रेडिट रेटिंग जरूर देखनी चाहिए। कंपनी की विश्वसनीयता का आकलन करने के लिए समय पर कंपनी के ट्रैक रिकॉर्ड की जांच करें, जिसमें उसके पुर्नभुगतान की को देखें.
कॉरपोरेट एफडी में ब्याज की दरें
कंपनी या कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज की दरें 8.50 से 9 फीसदी तक रही है। हालांकि, इनमें समय-समय पर परिवर्तन होता रहता है। वरिष्ठ नागरिकों को 0.50 % इंटरेस्ट ज्यादा मिलता है।