पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार को विपक्ष का भी समर्थन मिल रहा है। वहीं, विपक्ष ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की। इसी बीच गुरुवार को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पार्टी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद पर भारत के रुख को समझने और उसका समर्थन करने का आह्वान किया है।
खरगे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों से पाकिस्तान को जो लोन और फंडिंग की जा रही है उसे सरकार सेना पर खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंक का अपराधी है। भारत आतंक का शिकार है। उनकी बराबरी नहीं की जा सकती। उन्हें एक साथ नहीं रखा जाना चाहिए।”
एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस रखने की मांग
खरगे ने पाकिस्तान को फिर से एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को तीन बार एफएटीएफ की ग्रे सूची में रखा गया था, जिसमें दो बार नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान था।
पाकिस्तान को मिली नई जिम्मेदारी
पाकिस्तान को मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। तालिबान प्रतिबंध समिति को 1988 समिति के तौर पर भी जाना जाता है। गुयाना और रूस इस समिति के उपाध्यक्ष के तौर पर काम करेंगे।
यह समिति उन व्यक्तियों, समूहों और संस्थाओं की आर्थिक संपत्ति फ्रीज करने, यात्रा और हथियारों पर प्रतिबंध लगाने जैसे फैसले लेती है, जो अफगानिस्तान की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा माने जाते हैं। पाकिस्तान अब तालिबान प्रतिबंध समिति से जुड़ी बैठकों की अध्यक्षता करेगा, सिफारिशें तैयार करेगा और सदस्यों के बीच सहमति बनाने में मदद करेगा।