वैली ऑफ फ्लावर्स क्यों है खास?
सबसे पहले यह जान लीजिए कि वैली ऑफ फ्लावर्स क्यों इतना खास है। इसे साल 1982 में नेशनल पार्क और 2005 में यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। यहां 300 से ज्यादा तरह के फूलों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें ब्लू पॉपी, हिमालयन कॉब लिली और ब्रह्मकमल जैसे बेहद मुश्किल से मिलने वाले फूल शामिल हैं। यह जगह न केवल प्रकृति प्रेमियों, बल्कि ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए भी परफेक्ट है। इसके अलावा, यहां से हिमालय के शानदार नजारे और नंदा देवी पर्वत का नजारा भी देखने को मिलता है।
वैली ऑफ फ्लावर्स जाने के लिए रजिस्ट्रेशन
वैली ऑफ फ्लावर्स की यात्रा के लिए पर्यटकों को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। बिना रेजिस्ट्रेशन करवाए आप वहां नहीं जा सकते हैं। वैली ऑफ फ्लावर्स जाने के लिए रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
- उत्तराखंड वन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट ([https://forest.uk.gov.in](https://forest.uk.gov.in)) पर जाएं।
- वैली ऑफ फ्लावर्स के लिए परमिट सेक्शन में जाकर परमिट अप्लाई करें।
- यात्रा की तारीख, ग्रुप के सदस्यों की संख्या और पर्सनल डीटेल्स भरें।
- परमिट फीस का भुगतान ऑनलाइन करें और परमिट डाउनलोड करके साथ ले जाएं।
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन
वैली ऑफ फ्लावर्स की यात्रा में कितना खर्च आता है?
वैली ऑफ फ्लावर्स की यात्रा का खर्च आपके ट्रैवल मोड और सुविधाओं पर निर्भर करता है। लेकिन अनुमानित खर्च इतना हो सकता है-
- परमिट फीस- भारतीय पर्यटकों के लिए ₹200 और विदेशियों के लिए ₹800 प्रति व्यक्ति।
- गाइड फीस- ₹500-₹1000 (ज्यादा भी हो सकता है)।
- ट्रेकिंग व्यवस्थ-: गोविंदघाट से वैली ऑफ फ्लावर्स तक पैदल या खच्चर से जाने का ऑप्शन है। खच्चर का किराया ₹1000-₹2000 तक हो सकता है।
- रहने का खर्च- गोविंदघाट या घांघरिया में गेस्ट हाउस या होमस्टे में रु. 500-1500 प्रति रात।
- ट्रांसपोर्ट- देहरादून/ऋषिकेश से जोशीमठ तक बस/टैक्सी का किराया ₹1000-₹2000 प्रति व्यक्ति।
वैली ऑफ प्लावर्स जाते वक्त इन बातों का ध्यान रखें
- वैली ऑफ फ्लावर्स में प्लास्टिक ले जाना मना है।
- ट्रेकिंग के लिए अच्छे जूते और गर्म कपड़े साथ ले जाएं।
- मौसम अचानक बदल सकता है, इसलिए बारिश की तैयारी रखें।
- वन्यजीवों को परेशान न करें और पार्क के नियमों का पालन करें।