सुमन और उसके स्वयं सहायता समूह ने 50,000 रुपये के ऋण के साथ इस पहल की शुरुआत की थी। वह अब तक 1,500 किलोग्राम से अधिक प्लास्टिक कचरा एकत्र कर चुकी हैं और 3,000 से अधिक लोगों को गर्मा-गर्मा खाना खिला चुकी हैं।
भुशली गांव में अटल किसान मजदूर कैंटीन में प्लास्टिक के बदले गर्म खाना खिलाने की पहल चला रही सुमन ने कहा कि यह विचार आवश्यकता से उपजा। प्लास्टिक हर जगह मौजूद है और कई लोग दो वक्त की रोटी जुटाने में मुश्किलों का सामना करते हैं। हमने इन दोनों समस्याओं से निपटने का तरीका खोज निकाला।

Advertisements

मेरा प्लास्टिक, मेरी जिम्मेदारी पहल की शुरुआत

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ऊंचाडीह गांव में भी स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए ऐसी ही अनोखी पहल चलाई जा रही है। वहां महिलाएं प्लास्टिक प्रदूषण और मासिक धर्म स्वच्छता जैसी चीजों पर एक साथ काम करने की कोशिश कर रही हैं। मेरा प्लास्टिक, मेरी जिम्मेदारी पहल के तहत ऊंचाडीह ग्राम पंचायत की महिलाओं को दो किलोग्राम प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करने पर सैनिटरी पैड का एक पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है।

Advertisements

ग्राम प्रधान अर्चना त्रिपाठी ने शुरू की पहल

ग्राम प्रधान अर्चना त्रिपाठी की ओर से शुरू की गई इस पहल को स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर शिक्षकों तक का समर्थन मिल रहा है, जो महिलाओं और लड़कियों को प्लास्टिक कचरा जुटाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

पड़ोसी घोरावल ब्लॉक में ग्राम प्रधान परमेश्वर पाल रोजाना ई-रिक्शा से प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करते हैं और स्थानीय लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल में कमी लाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
पाल के मुताबिक, यह कोई आकर्षक काम नहीं है, लेकिन इससे बातचीत शुरू होती है और धीरे-धीरे आदतें भी बदलती हैं। उत्तराखंड में गंगा के किनारे बसे सिरासू गांव में एक ऐसा अपशिष्ट प्रबंधन माडल अपनाया जा रहा है, जिससे राजस्व जुटाने में भी मदद मिलती है।

ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्जा हासिल कर चुका सिरासू

ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्जा हासिल कर चुका सिरासू पर्यटन के जरिये अपने स्वच्छता अभियान के लिए धन एकत्र करता है। स्थानीय पंचायत साल 2018 से विवाह-पूर्व फोटो शूट के लिए 1,000 रुपये शुल्क लेती है। वह टेंट और लाइट जैसे उपकरण भी किराये पर देती है।

पर्यटक बुनियादी ढांचे में सुधार

इससे उसे पिछले सात वर्षों में लगभग 50 लाख रुपये अर्जित करने में मदद मिली है। उक्त राशि का इस्तेमाल शौचालयों के रखरखाव, प्लास्टिक कचरा संग्रह केंद्र के संचालन और पर्यटक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए किया जा रहा है।