HomeNationalShopian : 55 वर्षीय उल्फत बानो के जज्बे को सलाम, 25 साल...

Shopian : 55 वर्षीय उल्फत बानो के जज्बे को सलाम, 25 साल से बर्फीले रास्तों पर चलकर लोगों तक पहुंचा रही हैं डाक

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के गांव हीरपोरा की 55 वर्षीय उल्फत बानो 25 वर्षों से बर्फीले रास्तों और ठंडी हवाओं के बीच रोजाना 20-25 पार्सल पहुंचा रही हैं।

Advertisements
Advertisements

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के गांव हीरपोरा की 55 वर्षीय उल्फत बानो 25 वर्षों से बर्फीले रास्तों और ठंडी हवाओं के बीच रोजाना 20-25 पार्सल पहुंचा रही हैं। इससे वह प्रतिकूल परिस्थितियों में क्षेत्रवासियों के लिए जीवनरेखा की तरह काम कर रही हैं।

Advertisements
पारंपरिक फिरन, ऊनी टोपी और स्कार्फ पहने 5-6 फीट बर्फ से ढके रास्तों पर कई किलोमीटर पैदल चलकर डाक और पार्सल पहुंचाती हैं। उनकी मेहनत और समर्पण के चलते ग्रामीण उनकी काफी सराहना करते हैं। वे हीरपोरा के पोस्ट ऑफिस में एक पुरुष सहकर्मी के साथ काम करती हैं और डाक पत्रों व पार्सल को वितरित करती हैं।

ग्रामीण छात्रों के लिए उल्फत की सेवाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि, वह ठंड और बर्फ के बावजूद उन्हें अध्ययन सामग्री और किताबें पहुंचाती हैं। बानो मानती हैं कि उनके काम का असली मूल्य वह है जो उनके माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।

उन्होंने कहा, मुझे 25 साल हो गए इस विभाग में काम करते हुए। अल्लाह का ही शुक्रिया है जो मुझे इस बर्फबारी और खराब मौसम में भी लोगों तक उनके पार्सल पहुंचाने की हिम्मत देते हैं। 5-6 फीट बर्फ में पैदल जाकर लोगों को पार्सल देती हूं। मुझे खुशी है कि मैं लोगों के काम आती हूं।

जंगली इलाका होने के चलते हर समय रहती है चिंता : पति ने कहा कि हीरपोरा के पास स्थित वन्यजीव अभयारण्य के कारण यहां जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। हालांकि, उल्फत का कभी इन जंगली जानवरों से सामना नहीं हुआ है, लेकिन परिवार को हमेशा उनकी चिंता बनी रहती है।

सेवानिवृत्त पति ने कहा, पत्नी के समर्पण से महसूस होता है गर्व
उल्फत महीने में 22,000 रुपये कमाती हैं। लेकिन, उनकी यह जिम्मेदारी केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि गांव वालों के लिए एक जीवनरेखा की तरह है। उल्फत का मानना है कि यह रोज का प्रयास उन्हें फिट रखता है। उल्फत के सेवानिवृत्त पोस्टमैन पति ने कहा कि पत्नी के समर्पण पर गर्व महसूस होता है। विशेष रूप से सर्दियों के दौरान, जब युवा भी बर्फीले रास्तों पर चलने में मुश्किल महसूस करते हैं।

Advertisements
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments