ट्रंप ने ये भी कहा कि उनकी सरकार आतंकियों से सहानुभूति रखने वाले लोगों को हिरासत में लेकर निर्वासित करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि वे कभी वापस अमेरिका न आ पाएं।
बीते साल कोलंबिया यूनिवर्सिटी में बड़े पैमाने पर फलस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन विरोध प्रदर्शनों का जिस छात्र महमूद खलील ने नेतृत्व किया था, उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी खलील की गिरफ्तारी का स्वागत किया है और कहा है कि अभी ऐसे कई और गिरफ्तार होंगे। ट्रंप ने ये भी कहा कि उनकी सरकार आतंकियों से सहानुभूति रखने वाले लोगों को हिरासत में लेकर निर्वासित करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि वे कभी वापस अमेरिका न आ पाएं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘मेरे पूर्व में हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश के बाद आईसीई ने महमूद खलील को पकड़ा है। वह कोलंबिया यूनिवर्सिटी के परिसर में एक कट्टरपंथी हमास समर्थक छात्र है। यह कई ऐसी गिरफ्तारियों में पहली गिरफ्तारी है। हम जानते हैं कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी और अन्य यूनिवर्सिटीज में ऐसे कई छात्र हैं, जो आतंकी गतिविधियों, यहूदी विरोधी और अमेरिका विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। ट्रंप प्रशासन इन्हें बर्दाश्त नहीं करेगा।’
देश से निर्वासित करने की तैयारी
ट्रंप ने लिखा कि ‘कई छात्र ही नहीं है और सिर्फ पैसे लेकर प्रदर्शन करने वाले हैं। हम इन आंतकी समर्थकों को ढूंढेंगे और पकड़कर निर्वासित कर देंगे। ताकि ये कभी फिर वापस न आ सकें। अगर आप आतंकवाद का समर्थन करते हैं, जिन्होंने मासूम महिलाओं, बच्चों और पुरुषों का कत्ल किया। इनकी हमारे देश में मौजूदगी हमारे राष्ट्रीय और विदेश नीति के हित में नहीं है। इनका हमारे देश में स्वागत नहीं है। हम चाहते हैं कि देश का हर विश्वविद्यालय और कॉलेज, इस काम में हमारी मदद करे।’
खलील को अमेरिका के संघीय अप्रवासी प्राधिकरण ने गिरफ्तार किया है और अब विदेश विभाग खलील का ग्रीन कार्ड रद्द करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि मामला अदालत पहुंच गया है और न्यूयॉर्क की अदालत ने खलील को निर्वासित करने की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव प्रचार के दौरान ही कॉलेज कैंपस में इस्राइल विरोधी प्रदर्शन में शामिल छात्रों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था। राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें अमेरिकी कॉलेजों में यहूदी विरोधी भावना से निपटने के प्रावधान किए गए हैं।