जम्मू विधानसभा में दैनिक वेतन कर्मचारियों पर लाठीचार्ज और उनके वेतन एवं नियमितीकरण की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया।
जम्मू और कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब विभिन्न दलों के सदस्य जल शक्ति विभाग के दैनिक वेतन कर्मचारियों द्वारा वेतन की मांग और नौकरियों के नियमितीकरण को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन पर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी का मुद्दा उठाने के लिए एकजुट हो गए।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायक विक्रम रंधावा ने दैनिक वेतन कर्मचारियों के भारी विरोध प्रदर्शन का मुद्दा उठाया, जिसमें उनके ऊपर लाठीचार्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। रंधावा ने सरकार से इस मुद्दे को सुलझाने की अपील की।
बीजेपी के कई अन्य सदस्य भी रंधावा का समर्थन करते हुए सरकार से इस समस्या का समाधान निकालने की बात कर रहे थे। नेशनल कांफ्रेंस के सदस्य मीर सैफुल्लाह और बी.ए. वीरि ने भी इस मुद्दे को उठाया, साथ ही कांग्रेस के निजामुद्दीन भट ने भी अपनी आवाज उठाई।
स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने सदस्यों से बैठने और प्रश्नकाल शुरू करने का अनुरोध किया, लेकिन सदस्य अपने मुद्दे को उठाते रहे, जिसके कारण सदन में हंगामा हुआ। सोमवार को जल शक्ति (PHE) विभाग के कर्मचारियों और दैनिक वेतन कर्मचारियों पर जम्मू और श्रीनगर में लाठीचार्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वे विधानसभा और मुख्यमंत्री के आवास की ओर मार्च कर रहे थे।
PHE अधिकारियों ने पिछले 85 महीनों से उनका बकाया वेतन जारी नहीं किया है। प्रशासन से आश्वासन मिलने के बावजूद उनका नियमितीकरण लंबित है। प्रदर्शनकारियों ने 20 मार्च से हड़ताल की चेतावनी दी है, यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं। पिछले वर्ष भी इन कर्मचारियों ने लंबी हड़ताल की थी, जिसमें वे अपने बकाया वेतन और नियमितीकरण की मांग कर रहे थे।
अधिकारीयों के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद उनके मुद्दे अभी तक हल नहीं हो पाए हैं। दैनिक वेतन कर्मचारियों ने सरकार पर उनकी लंबे समय से लंबित मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है, और कहा कि आश्वासन के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।