कान्हा की नगरी मथुरा में होली की धूम मची हुई है। अबीर-गुलाल के उड़ते बादलों से सतरंगी हुआ राधा का गांव बरसाना लाडली जी महल (राधारानी मंदिर) में लड्डुओं की बरसात हुई। नंदभाव के पांडा के नृत्य को देख श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।
राधारानी का गांव बरसाना में होली के रंगों में सराबोर होकर झूम रहा है। यहां होने वाली विश्व प्रसिद्ध लठामार होली में आज लड्डूओं की मिठास घुली। बरसाना के श्रीजी महल से नंदगांव के नंदभवन में होली का निमंत्रण सखियों के हाथ पहुंचा। होली का निमंत्रण स्वीकारते ही बरसाना में लड्डू बरसने लगे। अनूठी लड्डू होली देखने मंदिर में हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े।
लड्डू होली की अनूठी परंपरा से द्वापर युग से जुड़ी है। मान्यता है कि द्वापर में बरसाना से होली खेलने का आमंत्रण लेकर सखी नंदगांव गई थीं। इस निमंत्रण को नंदबाबा ने स्वीकार किया और इसकी खबर पंडा से बरसाना में बृषभान जी के यहां भिजवाई। इस पर राधारानी के पिता बृषभान ने नंदगांव से आए पंडा को खाने के लिए लड्डू दिए। बरसाना की गोपियों ने पंडा के गालों पर गुलाल लगा दिया। उनके पास गुलाल नहीं था तो वो खाने के लिए दिए गए लड्डुओं को ही गोपियों के ऊपर फेंकने लगा। तभी से यह लीला लड्डू होली की परंपरा आज तक चली आ रही है।
चाहुंओर राधे-राधे की रही गूंज
शुक्रवार को कस्बे के श्रीजी मन्दिर में लड्डू होली का आयोजन किया गया। लाडली के धाम में लड्डू होली देखने के लिए सुबह से ही श्रद्धालु का जनसैलाब उमड़ने लग गया। लड्डू होली की मस्ती में मदमस्त हुए श्रद्धालु भाव विभोर होकर लाडली जी मन्दिर की ओर बड़ रहे थे। देखते ही देखते मन्दिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। चाहुंओर राधे ही राधे के जयघोष से पूरा वातावरण गूंजयमान हो उठा।
लड्डुओं को पाने को लालायित दिखे श्रद्धालु
राधाकृष्ण की दिव्य प्रेम की लड्डू होली का आनंद लेने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु बरसाना पहुंचे। शाम के जैसे ही पांच बजे तो लाडली जी मन्दिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। वृषभान नंदनी भी शीशमहल में विराजमान होकर अपने भक्तों पर लड्डूओं की बरसात कर रहीं थी। वहीं लोग प्रसाद रूपी लड्डुओं को पाने को लालायित दिखे। छोटे बडे, ऊंच नीच, अमीर गरीब का भेद मिटा कर सबने समान भाव से लड्डू लूटे।
मंदिर में करीब सवा घंटे तक चली इस लड्डू होली के दौरान टनो लड्डू लुटाए गए। पूरा श्रीजी का आंगन अबीर गुलाल की बरसात से अट गया। अबीर गुलाल में सराबोर श्रद्धालु मस्ती के साथ नाच रहे थे। वहीं श्रद्धालु एक दूसरे पर गुलाल वर्षाकर अपने आप को धन्य मान रहे थे। वहीं भरतपुर की रहने वाली भावना ने बताया कि जैसा हमने लड्डू होली के बारे में सुना था। सो उससे अधिक रस देखने को मिला ।