भाजपा के कुंदरकी विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष की सियासी अदावत पुरानी है। दोनों के बीच सियासी करीब दस साल से दोनों के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता चल रही है। यह पहला मौका था, जब दोनों खुलकर आमने-सामने आ गए।
मुरादाबाद के सर्किट हाउस में शुक्रवार को जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में कुंदरकी विधायक रामवीर सिंह और जिला पंचायत अध्यक्ष डाॅ. शैफाली सिंह के बीच हुई नोकझोंक ने पार्टी को असहज कर दिया है।
यह पहला मौका था, जब दोनों खुलकर आमने-सामने आ गए। दोनों नेताओं के बीच हुई तकरार के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले इन नेताओं के बीच पर्दे के पीछे लंबे समय से रस्साकशी चल रही है।
चाहे कुंदरकी विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी की बात हो या फिर जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी की। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कुंदरकी सीट से रामवीर सिंह और डॉ. शैफाली सिंह ने टिकट की दावेदारी पेश की थी, लेकिन टिकट रामवीर सिंह के हाथ लगा।
कुंदरकी विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की शुरुआत 2015 में पंचायत चुनाव से हुई थी। वार्ड नंबर 45 से जिला पंचायत सदस्य पद के लिए डॉ. शैफाली सिंह ने प्रत्याशी आंचल चौहान का समर्थन किया था।
2021 के पंचायत चुनाव में भी दोनों नेताओं की नजर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर थी। डॉ. शैफाली सिंह वार्ड 21 से चुनाव मैदान में थीं, जबकि रामवीर सिंह की पत्नी संतोष देवी वार्ड 31 से चुनाव लड़ीं। चुनाव जीतने के बाद दोनों ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश की। इस बार टिकट डॉ. शैफाली सिंह के हाथ लगा। वह निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गईं।
सर्किट हाउस में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. शैफाली सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में कुंदरकी विधायक रामवीर सिंह ने अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी (जिला पंचायत सदस्य) के वार्ड 31 में किसी अन्य व्यक्ति के प्रस्ताव पर कार्य कराने की शिकायत दर्ज कराई।