उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा में विपक्षी दलों द्वारा महाकुंभ को लेकर उठाए गए सवालों का विस्तृत जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन है, जो देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि “किसी ने सच ही कहा है कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसे वही मिला। गिद्धों को लाश मिली, सूअरों को गंदगी, जबकि संवेदनशील लोगों को रिश्तों की सुंदरता, आस्थावान को पुण्य, सज्जनों को सज्जनता और भक्तों को भगवान मिले। व्यापारियों को व्यापार और श्रद्धालुओं को एक व्यवस्थित, साफ-सुथरी व्यवस्था का अनुभव हुआ।”
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके नेतृत्व में कुंभ के आयोजन में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि “हम समाजवादी पार्टी की तरह जनता की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करते। महाकुंभ की निगरानी और उसकी भव्य व्यवस्था के लिए जिनके पास समय नहीं था, उन्होंने एक गैर-संनातनी व्यक्ति को इसका इंचार्ज बना दिया। ऐसे व्यक्तियों की मानसिकता को स्पष्ट किया जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि महाकुंभ में यदि कोई गड़बड़ी करने की कोशिश करेगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बयान के बाद, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “महाकुंभ में कई बार जाकर भी जिनका वैचारिक उद्धार नहीं हुआ, उनके पाप और पतन की सीमा कौन नाप सकता है? सन्मति दे।” अखिलेश यादव ने इस बयान के माध्यम से महाकुंभ के आयोजन और मुख्यमंत्री के बयानों पर सवाल उठाया है और इसके वैचारिक पक्ष पर टिप्पणी की है।
यह बयान विधानसभा में महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा के दौरान आया, जहां मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेताओं द्वारा महाकुंभ में उठाए गए विभिन्न मुद्दों का जवाब दिया और यूपी सरकार की भूमिका और संगठन की सराहना की। उनके अनुसार, राज्य सरकार ने कुंभ की तैयारियों में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती है और यह आयोजन पूरी तरह से सुसंगठित और सुरक्षित है।
Akhilesh और CM Yogi में तकरार
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