कोरोना वायरस महामारी के कारण दुबई में यात्रा प्रतिबंध के कारण 22 भारतीय नागरिक फंस गए हैं। इस ग्रुप के लोगों ने ट्विटर हैंडल के जरिए अपनी व्यथा जाहिर की जिसके बाद इन सभी को वहां मौजूद भारतीय दूतावास की ओर से मदद मुहैया कराई गई।
इन भारतीय नागरिकों के पास वैध वीजा है। मार्च के शुरुआत में इन्हें यहां नौकरी का झांसा देकर लाया गया था। खलीज टाइम्स में बुधवार को छपी खबर के अनुसार, कोरोना वायरस की महामारी के कारण दुनिया में यातायात प्रतिबंध लागू कर दिए गए जिसके कारण ये सब दुबई में फंस गए। बिना किसी नौकरी के फंसे इन लोगों को जो एजेंट यहां धोखे से लेकर आया था वह भी फरार हो गया। अब इनके पास न तो खाना है और न ही दूसरी चीजों की सप्लाई।भारतीय दूतावास ने मजबूर इन 22 भारतीयों के लिए भोजन की सप्लाई का प्रबंध किया। ये सभी जल्द से जल्द अपने घर लौटना चाहते हैं। इनमें से एक भारतीय दानिश अली ने कहा, ‘हालात और बदतर होते जा रहे हैं ऐसे में देश वापसी मुश्किल लग रहा।’ उन्होंने बताया कि 22 मार्च को सबने वापसी के लिए हवाई टिकट बुक किए थे लेकिन उसी दिन भारत में ‘जनता कर्फ्यू’ का ऐलान कर दिया गया। इसके बाद भारत ने 14 अप्रैल तक सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जब से इस बीमारी को महामारी के तौर पर घोषित किया उसके बाद कई देशों ने विमानों पर रोक लगा दिया है। अन्य देशों की तरह भारत ने भी 25 मार्च से लॉकडाउन का ऐलान कर दिया जो 14 अप्रैल तक जारी रहेगा।
इसी तरह 18 अन्य भारतीय दुबई एयरपोर्ट पर फंसे हैं। हालांकि भारतीय मिशन की ओर से इन्हें हर संभव मदद मुहैया कराई जा रही है। वाणिज्य दूत, नीरज अग्रवाल (प्रेस, इंफॉर्मेशन और कल्चर) ने कहा, ‘कंसुलेट में मदद के लिए आने को लेकर हम उन सभी मजबूर भारतीयों को प्रोत्साहित करते हैं। जरूरतमंदों को खाने व मेडिकल की सुविधा उपलब्ध कराएंगे।’