अजीत अगरकर की अध्यक्षता वाली सीनियर सेलेक्शन कमेटी ने नवंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया का एलान कर दिया है। भारत के लिए ये सीरीज काफी अहम है। इस सीरीज से भारत की आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की उम्मीदें भी टिकी हुई हैं। इसके अलावा इस दौरे पर टीम इंडिया की नजरें ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर टेस्ट सीरीज जीत की हैट्रिक लगाने पर भी होंगी।
भारत ने अपने पिछले दो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जीत हासिल की थी। इसी कारण इस बार उसकी कोशिश एक जीत हासिल कर हैट्रिक लगाने पर है। अगर टीम इंडिया ये काम करने में सफल रहती है तो फिर वह ऐसा करने वाली पहली टीम बन जाएगी।इस दौरे के लिए सेलेक्टर्स ने एक बड़ा दांव खेला है। टीम ने कुछ नए खिलाड़ियों को मौका दिया है जिसमें सबसे हैरानी भरा नाम बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई टी20 सीरीज में डेब्यू करने वाले ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी का है। रेड्डी ने इसी साल आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए प्रभावित किया था। नतीजा ये रहा था कि उन्हें टी20 टीम में जगह मिली और बांग्लादेश सीरीज में बल्ले और गेंद से इस खिलाड़ी ने अपनी छाप छोड़ी।
दलीप ट्रॉफी में भी वह अच्छा करने में सफल रहे थे। ऐसे में सेलेक्टर्स ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मौका दिया है। नीतीश तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर हैं। ठीक वैसे ही जैसे हार्दिक पांड्या। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत को ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है जो गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी भी कर सकते हों। नीतीश में वो दम है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तेज गेंदबाजों का अहम रोल रहेगा क्योंकि वहां की पिचों पर बाउंस और पेस है। ऐसे में नीतीश काफी प्रभावित साबित हो सकते हैं।
हर काम में माहिर
नीतीश के आने से टीम को संयोजन बनाने में परेशानी नहीं होगी। उनके रहने से टीम चार तेज गेंदबाजों के साथ उतर सकती है और ऐसे करने में उसकी बल्लेबाजी भी कमजोर नहीं होगी। नीतीश जानते हैं कि रन कैसे बनाना है। नीतीश के पास रेड बॉल का ज्यादा अनुभव तो नहीं है लेकिन उनमें टैलेंट है। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने उन्हें ज्यादा देखा भी नहीं। इस कारण वह एक्स फैक्टर भी साबित हो सकते हैं।