शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही देवगुरु शुक्र देव की उपासना की जाती है। अंक ज्योतिष के अनुसार, 25 अक्टूबर का दिन कई जातकों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है। इन जातकों पर मन के कारक चंद्र देव की कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी। आइए, अंक ज्योतिष और टैरो विशेषज्ञ पल्लवी एके शर्मा से 25 अक्टूबर का अंक राशिफल जानते हैं-
मूलांक 07
अंक ज्योतिष और टैरो कार्ड रीडर पल्लवी एके शर्मा की मानें 07, 16 और 25 तारीख के दिन जन्म लेने वाले जातकों का मूलांक 7 होता है। इस मूलांक के स्वामी मायावी ग्रह केतु हैं। वर्तमान समय में मायावी ग्रह केतु कन्या राशि में विराजमान हैं। इस राशि में बुध देव उच्च के होते हैं। मायावी ग्रह केतु की कृपा बरसने पर जातक अपने जीवन में बहुत जल्द सफलता प्राप्त कर लेता है। वहीं, केतु की कुदृष्टि रहने पर जातक निर्णय लेने में असक्षम रहता है। कई अवसर पर गलत फैसले भी लेता है। इससे सभी क्षेत्रों में जातक को नुकसान होता है। 07 मूलांक के जातक जीवन में बदलाव के लिए तैयार रहता है। हालांकि, सामना करते समय जल्दबाजी कर बैठता है। इसके चलते भी जातक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस मूलांक के जातक हमेशा कुछ न कुछ सोचते रहते हैं।
एंजल सलाह
एंजल की सलाह है कि परम पिता परमेश्वर के आदर्शों को मानें। उनके द्वारा बताये गए मार्गों पर चलें। अपनी अंतरात्मा की सुनें। मनोवृत्ति पर यकीन रखें। अवकाश के समय पर विशेष विषय पर विचार करें और शोध करें और कार्यों को समझने की कोशिश करें। मन में चल रहे नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदलें। अपनी प्रतिभा का गुणगान करें। आत्मविश्वास बनाये रखें। सुबह के समय ध्यान करें और अंतरात्मा से जुड़ें। मोटिवेशनल थॉट्स को पढ़ें। आप प्रेरणादायक किताबों को भी पढ़ सकते हैं। आत्म उत्थान के लिए बड़ों के पास बैठें और जीवन को नजदीक से जानने की कोशिश करें। बही खाता को सही करने के लिए उत्तम दिन है। लोगों को माफ करने की प्रवृत्ति रखें। खुद से प्यार करें और अपनी कोशिशों के लिए स्वयं की सराहना करें।
क्या करें
आज के दिन 07 मूलांक के जातक बिना रुकें कुछ देर तक यह जरूर दोहराएं। मैं परम पिता परमेश्वर द्वारा प्रदत्त सभी चीजों के लिए उनका आभारी हूं।
उपाय
- ‘ॐ सुभद्राय नमः’ का जप करें।
- ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का जप करें।
- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ का जप करें।
- ‘ ॐ हं हनुमते नमः’ का जप करें।
- ‘ॐ नमः शिवाय’ का भी जप करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें।