चांदी, तांबा और सोने के सिक्के भी शामिल

लॉकर में मिले प्राचीन सिक्के विभिन्न शासकों के काल से संबंधित हैं और इनमें से कई सिक्के 2,000 साल पुराने माने जा रहे हैं। इनका संबंध मौर्य, कुषाण, और गुप्तकाल जैसी प्राचीन सभ्यताओं से है। वहीं, पर्शियन भाषा में लिखा हुआ शाही फरमान 16वीं शताब्दी का है, जब इलाहाबाद सूबा बना था और यह सोरांव तहसील से संबंधित है।

जम्मू-कश्मीर में अल्पकालिक था किदाराइट का प्रभाव

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इतिहासकार प्रो. हर्ष कुमार के मुताबिक किदाराइट साम्राज्य का इतिहास मध्य एशिया और भारत के उत्तरी क्षेत्र, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर से जुड़ा है। यह साम्राज्य चौथी से छठी शताब्दी के बीच सक्रिय था।

किदाराइट्स मध्य एशियाई जनजाति थे, जिन्हें “हेफथलाइट्स” या “सफेद हूणों” से भी जोड़ा जाता है, इनके बारे में ऐतिहासिक जानकारी सीमित और विवादित है। किदाराइट्स का जम्मू-कश्मीर में प्रभाव अल्पकालिक था, लेकिन उन्होंने राजनीतिक संक्रमण के इस युग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिले सिक्के (दीनार) किदाराइट साम्राज्य के शासक प्रतापादित्य-टू के शासन काल के बताए जाते हैं।