वाराणसी की मशहूर नाटी इमली के भरत मिलाप लीला के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस नाकामयाब साबित हुई। इसके बाद भीड़ का दबाव और बढ़ने पर श्रीराम का विमान उठाने वाले यादव कुमारों पर ही धक्का-मुक्की करनी शुरू कर दी। कुछ ही देर में वहां पर भगदड़ मच गई।
अब इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे सियासी रूप देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर तंज कसा है।
सपा मुखिया ने कहा- ‘देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द की परंपरा को खंडित करने का प्रयास भाजपा सरकार की संकीर्ण राजनीति का प्रतीक है। यहाँ मची भगदड़ भाजपाइयों की बदइंतज़ामी का प्रमाण है, जो नहीं चाहते हैं कि भाईचारे के ऐसे आयोजन सफल हों।’
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा- बनारस के ‘नाटी इमली के भरत मिलाप’ की 480 साल से चली आ रही परंपरा में यदुकुल के कंधे पर ही रघुकुल का मिलन होता आ रहा है। सूर्यवंशी-चंद्रवंशी के आपसी प्रेम-स्नेह के बीच कमलवंशी लोग सियासी दरार पैदा कर रहे हैं।
अखिलेश ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा- गोरखधंधे में व्यस्त उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जहां बैरिकेडिंग की जानी चाहिए वहां तो नहीं करती है, और जहां नहीं की जानी चाहिए वहां करती है।’
लाठीचार्ज में भाजपा का जंगलराज की लाठी: अजय राय
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भरत मिलाप में लाठीचार्ज व भगदड़ पर रोष व्यक्त किया है। दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि लीला में लाठीचार्ज भाजपा के जंगलराज की झांकी है। इसने सरकार के सत्य चरित्र को उजागर किया है।
भाजपा सरकार पूरे प्रदेश को जंगलराज में तब्दील कर दिया है। भरत मिलाप लीला में यादव बंधुओं को संख्या के आधार पर क्यों रोका गया? क्या प्रशासन खुद भगदड़ को आमंत्रित कर रहा था? उसके बाद लाठीचार्ज करना अशोभनीय है।
क्या है पूरा मामला
नाटी इमली के भरत मिलाप लीला स्थल पर भीड़ को सुविधाजनक तरीके से नियंत्रित करने में रविवार को पुलिस व्यवस्था विफल रही। भीड़ का अचानक दबाव बढ़ने पर उसे संभालने की बजाय पुलिस प्रभु श्रीराम का विमान उठाने वाले यादव कुमारों से ही धक्का-मुक्की करने लगी।
दोनों पक्ष कुछ पल के लिए लगा कि आमने-सामने आ गए, फिर तो पुलिस के जवानों ने लाठियां भांजकर लोगों को खदेड़ना आंरभ कर दिया। इससे लीला मैदान में कुछ देर के लिए भगदड़ मच गई। भागते हुए लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। इस दौरान कुछ लोग चोटिल भी हो गए।
पुलिस ने मुख्य गेट पर बैरियर लगाकर भीड़ को रोक रखा था। जब भगवान राम का छह टन वजनी विमान उठाए यादव बंधु वहां पहुंचे और उनके लिए बैरियर खोला गया तो उसके साथ ही बाहर जमा भीड़ भी अंदर घुसने लगी।
भीड़ को रोकने के लिए विमान वाहकों व भीड़ के बीच में बैरियर बनने की बजाय पुलिस के जवान यादव बंधुओं को ही धकियाने लगे। फिर तो दोनों तरफ से नोंकझोंक होने लगी। इस पर कुछ पुलिस के जवानों ने लाठियां चलानी शुरू कर दीं। इससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। लोगों का कहना था कि पुलिस ने यदि भीड़ को बाहर रोका था तो उसे मेन गेट से कुछ दूर भीड़ का प्रबंध करना चाहिए था।
डीसीपी काशी जोन ने किया लाठीचार्ज का खंडन
लीला स्थल पर पुलिस के लाठियां भांजने की खबर का पहले तो डीसीपी काशी जोन की ओर से विज्ञप्ति जारी कर खंडन किया गया। इसके बाद नाटी इमली चौकी प्रभारी अशोक कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया।
चंद्रवंशी गोप सेवा समिति के अध्यक्ष लालजी चंद्रवंशी ने इस घटना को यादवों का जान बूझकर उत्पीड़न करार दिया। उनका आरोप है कि पुलिस यादवों की परंपराओं से प्रदेश सरकार के इशारे पर छेड़छाड़ कर रही है। यादवों पर लाठी भांजने से वर्षों की परंपरा टूटी है।