कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के अध्यक्ष राहुल खरगे ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआइएडीबी) के सीईओ को पत्र लिखकर सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को आवंटित पांच एकड़ भूखंड का स्वामित्व रद करने की मांग की।
केआइएडीबी के सीईओ को 20 सितंबर, 2024 को लिखे पत्र में राहुल ने कहा, हम प्रस्ताव वापस लेते हैं और बोर्ड से अनुरोध करते हैं कि बेंगलुरु में बहु कौशल विकास केंद्र और अनुसंधान केंद्र के लिए अनुरोध किए गए भूखंड का आवंटन रद किया जाए। राहुल ने यह कदम मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती द्वारा 14 भूखंड लौटाने के बाद उठाया है।
ट्रस्ट विवादों में नहीं फंसना चाहता
कांग्रेस अध्यक्ष के छोटे बेटे प्रियांक खरगे ने एक्स हैंडल पर पत्र की स्कैन की गई प्रतियों के साथ यह जानकारी साझा की। प्रियांक ने लिखा कि ट्रस्ट शैक्षणिक संस्थान के लिए भूखंड आवंटन के लिए आवेदन करने और प्राप्त करने के लिए पात्र था। हालांकि, कोई भी संस्थान दुर्भावनापूर्ण राजनीति से प्रेरित आरोपों का सामना करते हुए प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकता है। ट्रस्ट विवादों में नहीं फंसना चाहता इसलिए केआइएडीबी को पत्र लिखकर प्रस्ताव वापस लिया है।
मार्च में शुरू हुआ था विवाद
ट्रस्ट ने 12 फरवरी, 2024 को केआइएडीबी को प्रस्ताव प्रस्तुत किया था और एक महीने बाद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी। पांच एकड़ भूखंड को लेकर विवाद मार्च में शुरू हुआ, जब सिद्दरमैया सरकार ने सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को जमीन दी थी। भाजपा आईटी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने भूखंड आवंटन पर सवाल उठाकर इसे ‘सत्ता का दुरुपयोग, भाई-भतीजावाद और हितों का टकराव’ कहा था।
राज्यसभा सदस्य सिरोया ने कहा- सत्य की जीत हुई
कर्नाटक से भाजपा के राज्यसभा सदस्य लहर सिंह सिरोया ने कहा कि सत्य की जीत हुई है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, खरगे परिवार ने अवैध रूप से आवंटित पांच एकड़ भूमि वापस कर दी है। जब मैंने यह मुद्दा उठाया था तो खरगे जूनियर और उनके साथियों ने मुझे धमकाया और गाली दी। सत्य की जीत हुई है।
आखिरकार, यह सीएम की कुर्सी हासिल करने की रणनीतिक चाल हो सकती है। गौरतलब है कि सिरोया ने इंटरनेट मीडिया पर बयान जारी कर भूमि आवंटन पर सवाल उठाया था। बता दें कि मुडा घोटाले में कर्नाटक के सीएम सिद्दरमैया के खिलाफ जांच चल रही है।