पूर्वांचल में इस वर्ष भीषण गर्मी के बाद मानसूनी सत्र के दौरान बादलों ने पर्याप्त राहत धरती को पहुंचाई है। अनुमानों के अनुसार मौजूदा मानसून ने किसानों को पर्याप्त राहत दी है जिससे धान की खेती को इस वर्ष संजीवनी मिली है।
वहीं आइएमडी ने दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी का चार्ट जारी कर पश्चिम से मानसूनी सक्रियता खत्म होने की जानकारी साझा की है। आधे उत्तर प्रदेश से मानसून लौट चुका है तो अब पूर्वांचल से भी एक दो दिन में विदा ले लेगा।
बादलों ने कहीं-कहीं दी राहत
आजमगढ़ जिले में सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है। बीते माह 27 से 29 सितंबर तक ही तीन दिन में 181 मिमी बारिश हो गई। बलिया में औसत से मात्र 130 मिमी कम बारिश हुई है। वहीं सोनभद्र जिले में औसत बारिश से मात्र 156 मिमी तक कम बारिश हुई है। वहीं वाराणसी में करीब 200 मिमी तक बारिश औसत से कम हुई है।
बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अक्टूबर के प्रथम सप्ताह के अंत तक मानसून की विदाई हो जाती है। इस बार भी अब लगभग मानसून विदाई की ओर है। जाते हुए बादल हल्की बूंदाबांदी कर सकते हैं।