दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अब जनता की अदालत में पहुंचेंगे। रविवार को जंतर-मंतर पर पहली ‘जनता की अदालत’ लगाई गई है, जहां पूरी दिल्ली से बड़ी संख्या में लोग शामिल होने पहुंचे हैं। मंच पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और आप नेता मनीष सिसोदिया भी मौजूद हैं।
केजरीवाल ने रिहा होने के बाद इस्तीफा क्यों दिया?
इससे पहले, आप नेता संदीप पाठक ने कहा, “केजरीवाल जनता की अदालत में जाएंगे और कहेंगे कि अगर वे ईमानदार हैं तो वोट दें। दो बड़े सवाल थे- जेल में रहते हुए उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया और रिहा होने के बाद क्यों दिया? जब वे जेल में थे तो बहुत दबाव था। भाजपा ने पार्टी को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन केजरीवाल ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया क्योंकि आप दबाव में आकर उन्हें नहीं तोड़ सकते। अब उन्होंने नैतिकता और मर्यादा को ऊपर रखते हुए इस्तीफा दिया है और अब जनता के बीच जाकर कहेंगे कि अगर आप मुझे ईमानदार मानते हैं तो मुझे वोट देकर फिर से चुनिए।”
‘जनता की अदालत’ में दिल्लीवाले लगाएंगे मुहर- दिलीप पांडेय
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आप के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दिलीप पांडेय ने कहा, “हमें पूरा भरोसा है कि ‘जनता की अदालत’ में दिल्ली के लोग कहेंगे कि मेरा केजरीवाल ईमानदार है। भाजपा ने झूठे आरोप लगाकर अपनी एजेंसियों से अरविंद केजरीवाल को इस लिए गिरफ्तार कराया, क्योंकि वह दिल्लीवालों को मिल रही बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, मोहल्ला क्लीनिक, बुजुर्गों की तीर्थयात्रा, महिलाओ की बस यात्रा समेत अन्य सुविधाएं रोकना चाहती है।”
ईडी-CBI जैसी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग
उन्होंने आगे कहा, “इसके बाद भी हमारी सरकार ने एक भी काम नहीं रुकने दिया। दिलीप पांडेय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूरी दिल्ली और देश ने देखा है कि भाजपा ने कैसे ईडी-सीबीआई जैसी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके आम आदमी पार्टी को खरीदने और तोड़ने की कोशिश की।”
उन्होंने कहा कि भाजपा जब इन संस्थाओं की मदद से आम आदमी पार्टी को तोड़ नहीं पाई तो पार्टी को बर्बाद और खत्म करने की नीयत से हमारे नेताओं पर बेबुनियाद आरोप लगाए और बिना सबूत के एक-एक कर हमारे नेताओं को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया।