कोरोना वायरस के चलते बंद चल रहे निजी स्कूल संचालक अब अभिभावकों पर बच्चों के दाखिले की फीस जमा करने का दबाव नहीं बना पाएंगे। इस संबंध में जिला प्रशासन ने शनिवार देर रात जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी के आदेश में कहा गया कि स्कूल प्रबंधन लॉकडाउन चलने तक अभिभावकों पर फीस भुगतान का दबाव नहीं बना पाए। ऐसा नहीं करने पर स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ऑनलाइन कक्षाओं से कोई नहीं रहेगा वंचित
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने नोटिस जारी कर कहा है कि कोरोना वायरस के चलते स्कूल बंद हैं लेकिन जिन स्कूलों में भी ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं, वहां फीस के लिए कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा और न ही किसी भी छात्र-छात्रा को ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित रखा जाएगा।
लॉकडाउन में फीस मांगी तो होगी एक साल की सजा
कोविड 19 को महामारी घोषित किए जाने के बाद अब इसे आपदा की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे में अगर कोई भी स्कूल 14 अप्रैल यानी लॉकडाउन के बीच अभिभावकों से फीस मांगता है तो उसपर आदेश का उल्लघंन करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। जिसमें एक साल की सजा या अर्थदण्ड या दोनों और यदी कोई लोक क्षति होती है तो यह सजा दो वर्ष की भी हो सकती है।