पंकज त्रिपाठी हिंदी सिनेमा के उन कलाकारों में शुमार हैं, जो किसी भी रोल में बखूबी फिट हो जाते हैं। मिर्जापुर के कालीन भैया हो या फिर स्त्री 2 के ‘रूद्र भैया’, उनका हर कैरेक्टर ऑडियंस का फेवरेट बन जाता है।
सीरियसनेस के साथ कॉमेडी कैसे की जाती हैं, ये कोई पंकज त्रिपाठी से सीखे। साल 2003 में कन्नड़ फिल्म ‘चिगुरिड़ा कनासु’ में छोटे से किरदार के साथ उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा था, लेकिन उनका संघर्ष काफी लंबा रहा।
‘स्त्री 2’ एक्टर को पहचान मिली साल 2012 में रिलीज हुई अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से, जिसमें पंकज त्रिपाठी ने कसाई का रोल अदा किया था। आज उनके 47वें जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी सुपरहिट फिल्म से जुड़ा ही एक दिलचस्प किस्सा बता रहे हैं, जहां एक सीन में उन्होंने कई-कई बार उल्टियां की।
सुल्तान कसाई का किरदार निभाने के लिए सही पीड़ा
बिहार में बेलसंड के रहने वाले पंकज त्रिपाठी असल जिंदगी में काफी सादगी से जीते हैं। जब वह अपनी पूरी ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की पूरी टीम के साथ कुछ सालों पहले कपिल शर्मा के शो में आए थे, उस समय उन्होंने बताया था कि ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में ‘सुल्तान कसाई’ का रोल निभाना उनके लिए कितना मुश्किल था।
जब कपिल ने उनसे कहा कि आप शुद्ध शाकाहारी हैं, आप कसाई का किरदार निभाने में कंफर्टेबल थे? एक्टर ने जवाब देते हुए कहा,
कबूतर वाले डायलॉग और सीन में लगे कई घंटे
पंकज त्रिपाठी के साथ-साथ अनुराग कश्यप ने बताया कि पंकज अपना कबूतर वह डायलॉग बोलते और उल्टी करने लगते। उल्टी कर-करके ही उन्होंने उस सीन को पूरा किया। अगर आपने गैंग्स ऑफ वासेपुर देखी है, तो उसमें पंकज त्रिपाठी का वह डायलॉग याद होगा, जहां वह कहते हैं, “ये वासेपुर है, यहां कबूतर भी एक पंख से उड़ता है और दूसरे से अपना इज्जत बचाता है”।
आपको बता दें कि इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने मुर्गा हलाल करते हुए अपने सभी सीन की शूटिंग ‘कसाई’ खाने में ही की थी। आपको बता दें कि गैंग्स ऑफ वासेपुर और गैंग्स ऑफ वासेपुर 2 को हाल ही में थिएटर में री-रिलीज किया गया है, जिसे ऑडियंस का काफी प्यार मिल रहा है।