दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में बहुमत न होने के बाद भी भाजपा ने 10 तो आम आदमी पार्टी ने 11 जोन में प्रत्याशी उतारकर रणनीतिक चाल चलकर एक दूसरे को मुसीबत में डालने की कोशिश की है।

साथ ही इससे साफ कर दिया है कि अभी चुनाव तक इसके लिए शह मात का खेल जारी रहेगा। सर्वाधिक रोचक मुकाबला पूर्वी दिल्ली के शाहदरा नॉर्थ और उत्तरी दिल्ली के रोहिणी जोन में होने की उम्मीद है।

गुणा-भाग में जुटी AAP-BJP

भाजपा को जहां शाहदरा नॉर्थ जोन में बहुमत होने के बाद भी अपने पार्षदों को साधे रखने चुनौतीपूर्ण होगा जबकि आप को रोहिणी और साउथ जोन में खासा नजर रखनी होगी। दोनों राजनीतिक दलों के लिए इन वार्ड कमेटियों के चुनाव जीतना और यहां से स्थायी समिति का चेयरमैन बनाने की जुगत में अभी राजनीतिक गुणा-भाग करना होगा।

दिसंबर 2022 में हुए निगम के आम चुनाव में भाजपा 12 में चार तो आप को 12 में आठ जोन में बहुमत मिला था लेकिन, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अपनी शक्तियों को उपयोग करते हुए 10 एल्डरमैन को तीन ऐसे जोन से नियुक्त किया उससे भाजपा को सीधा लाभ हो गया।

रामचंद्र ने आप में की घर वापसी

नरेला जोन में चार, सिविल लाइंस में चार और मध्य जोन में दो एल्डरमैन नियुक्त करने से या तो भाजपा यहां पर बहुमत के करीब पहुंच गई या फिर बहुमत से ज्यादा हो गई। फिर भी कोई गड़बड़ न हो बीते दिनों भाजपा ने बहुमत से ज्यादा आंकड़े जुटाने के लिए तीन पार्षद मध्य जोन से आ गए जबकि दो पार्षद नरेला जोन से आ गए। हालांकि रामचंद्र ने आप में वापसी कर ली है फिर भी भाजपा के पास यहां पर जीतने के लिए पर्याप्त संख्या है।

बशर्ते भाजपा का कोई पार्षद इसमें क्रॉस वोटिंग न करें। इसी तरह का समीकरण मध्य और सिविल लाइंस जोन में हैं। तीन जोन के समीकरणों को अपने पक्ष में करने के बाद भाजपा का फोकस दक्षिणी के साथ रोहिणी जोन में हैं।

आप ने 11 जोन में उतारे प्रत्याशी

यहां पर बहुमत से दूर होने के बाद भी प्रत्याशी उतारने से भाजपा ने आप की मुश्किले बढ़ा दी है। जबकि पांच जोन में बहुमत होने के बाद भी आप ने 11 जोन में प्रत्याशी उतारने से भाजपा की मुसीबत बढ़ा दी है।

सर्वाधिक समस्या भाजपा को पूर्वी दिल्ली शाहदरा नॉर्थ जोन में हो सकती है। क्योंकि यहां पर भाजपा के 35 में से 18 पार्षद हैं जबकि कांग्रेस के पास चार, एक निर्दलीय और आप के पास 12 पार्षद हैं। ऐसा भी हो सकता है कि आप या कांग्रेस यहां मिलकर और भाजपा के कुछ पार्षदों को अपने समर्थन में लेकर भाजपा को गच्चा दे दें।

नेता सदन होकर भी स्थायी समिति में नहीं रहेंगे मुकेश गोयल

आप के नेता सदन मुकेश गोयल होने के बाद भी स्थायी समिति में नहीं होंगे। आप ने उन्हें सिविल लाइंस जोन से प्रत्याशी नहीं बनाया है। जबकि अब तक का चलन रहा है कि सत्तारुढ़ दल या तो जोन से या फिर सदन से नेता सदन को स्थायी समिति में सदस्य बनाकर भेजता है।

लेकिन गोयल को पहले भी सदस्य नहीं बनाया गया था और न ही जोन में हैं। संभवतः आप कमलजीत सहरावत के इस्तीफे से खाली हुई सदन की रिक्त सीट पर गोयल को स्थायी समिति में भेंजे। हालांकि गोयल के समर्थकों में उन्हें प्रत्याशी न बनाने को लेकर नाराजगी है।

भाजपा के पास इन जोन में हैं बहुमत

शाहदरा साउथ, शाहदरा नॉर्थ, केशवपुरम, मध्य, नरेला, सिविल लाइंस, नजफगढ़

आप के पास इन जोन में हैं बहुमत

दक्षिणी, रोहिणी, सिटी एसपी, करोल बाग और पश्चिमी

पांच जोन में दोनों दलों के पास यह हैं संख्या बल

नरेला जोन

  • कुल सदस्य: 20
  • भाजपाः7
  • आपः9
  • मनोनीत : 4

सिविल लाइंस जोन

  • कुल सदस्य :19
  • भाजपाः 6
  • आपः 9
  • मनोनीत : 4

रोहिणी जोन

  • कुल सदस्य :23
  • भाजपाः 8
  • आपः 14
  • कांग्रेस: 1

मध्य जोन

  • कुल सदस्य : 27
  • भाजपाः 13
  • आपः 10
  • कांग्रेस:2
  • मनोनीत :2

दक्षिणी जोन

  • कुल सदस्य :23
  • भाजपाः 7
  • आपः 15
  • कांग्रेस: 1

शाहदरा नॉर्थ

  • कुल सदस्य : 35
  • भाजपाः 18
  • आपः 12
  • कांग्रेस: 4
  • निर्दलीय:1
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