डेढ़ साल से लंबित हो रहे वार्ड समितियों के चुनाव की घोषणा के बाद फिर चुनाव में पेंच फंस सकता है। सूत्रों के मुताबिक नामांकन में कम समय दिए जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) कोर्ट का रुख कर सकती है।
सूत्र बताते है कि आप के कुछ पार्षदों ने तबीयत खराब होने से लेकर शहर से बाहर होने की सूचना भी महापौर को दी है। ऐसे में पार्षदों कि अनुपलब्धता पर आप कोर्ट का रुख करने पर विचार कर रही है।
बुधवार को हुई थी चुनाव की घोषणा
उल्लेखनीय है कि करीब डेढ़ साल के इंतजार के बाद आखिरकार निगम की वार्ड समितियों के चुनाव की घोषणा कल बुधवार को की थी। निगमायुक्त अश्विनी कुमार ने चुनाव की तारीखों को मंजूर कर दिया है।
पहले दिन नहीं आया कोई नामांकन
साथ ही डेढ़ साल से हो रही देरी पर निगमायुक्त ने एक सप्ताह के भीतर ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने मंजूरी दी थी। इसके बाद निगम सचिव कार्यालय ने नामांकन लेना शुरू कर दिया है। हालांकि पहले दिन कोई नामांकन नहीं आया है।
अचानक हुई तारीखों की घोषणा से राजनीतिक दल अब प्रत्याशियों के चयन में जुट गए हैं। भाजपा ने अलग-अलग नेताओं की जोन अनुसार जिम्मेदारी तय कर पार्षदों की प्रत्याशी पर आम सहमति बनाने की कोशिश शुरू कर दी है।
एक साथ होंगे 12 वार्ड समितियों के चुनाव
खास बात यह है कि 12 वार्ड समितियों के चुनाव एक ही दिन में चार सितंबर को कराए जाएंगे। सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक दो अलग-अलग सभागार में कराए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि पहले अंदेशा लग रहा था कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में चुनाव होंगे, लेकिन निगमायुक्त ने पहले से हो रही देरी में और देर न करते हुए त्वरित चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दे दिए।
30 अगस्त होंगे नामांकन
निगम सचिव शिवा प्रसाद केवी द्वारा जारी चुनाव अधिसूचना के अनुसार वार्ड कमेटियों और प्रत्येक वार्ड कमेटी से एक-एक स्थायी समिति के सदस्य के लिए नामांकन शुरू हो गए हैं। 30 अगस्त शाम पांच बजे तक कोई भी पार्षद संबंधित वार्ड समिति के दो प्रस्तावकों के साथ चेयरमैन, डिप्टी चेयरमैन और स्थायी समिति के सदस्य के लिए नामांकन कर सकते हैं।
चार सितंबर को चुनाव कराए जाएंगे। निगम एक्ट में यह सहूलियत दी गई है कि नामांकन करने के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने तक कोई भी प्रत्याशी नामांकन वापस ले सकता है।