69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने बुधवार को फिर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) परिसर में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है जब तक नई मेरिट सूची व काउंसलिंग कार्यक्रम जारी नहीं होता,तब तक वह प्रदर्शन करते रहेंगे।
मंगलवार की देर रात इन्हें पुलिस ने मौके से हटा दिया था अभ्यर्थियों को राजधानी में अलग-अलग स्थान पर छोड़ दिया था। आरक्षण विसंगति को दूर कर नई मेरिट सूची जारी करने की मांग कर रहे यह अभ्यर्थी फिर सुबह एससीईआरटी परिसर में एकजुट हुए और आंदोलन शुरू कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
69 हजार शिक्षक भर्ती के लिए पांच दिसंबर वर्ष 2018 को विज्ञापन जारी हुआ था और पांच जनवरी वर्ष 2019 को लिखित परीक्षा हुई थी। एक जून 2020 को परिणाम घोषित हुआ तो आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने आरक्षण में विसंगति का आरोप लगाया और मामला कोर्ट में पहुंच गया। अब हाईकोर्ट ने आरक्षण की विसंगति दूर कर नए सिरे से मेरिट सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं।
नई मेरिट सूची बनाने में क्यों लग रहा है समय
योगी सरकार ने सभी अभ्यर्थियों के साथ पूरा न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। ऐसे में नई मेरिट सूची बनाने में सभी पक्षों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। पहला चार वर्ष से नौकरी कर रहे तमाम अनारक्षित श्रेणी के शिक्षक बाहर हो जाएंगे, वहीं तमाम शिक्षकों की वरिष्ठता खत्म हो जाएगी। मेरिट के अनुसार, तमाम शिक्षकों के जिले व स्कूल बदल जाएंगे। अगर सरकार अलग से पद निकालकर इन अभ्यर्थियों के लिए भर्ती करे तो अब बीएड कोर्स की मान्यता नहीं है। ऐसे में तमाम बीएड पास शिक्षक आवेदन नहीं कर सकेंगे। डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) व बीटीसी पास अभ्यर्थी विरोध करेंगे। ऐसे में सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर बेसिक शिक्षा विभाग मंथन में जुटा हुआ है।
सुपर न्यूमेरिक पद सृजित कर दे सकते हैं राहत
फिलहाल सुपर न्यूमेरिक पद सृजित कर अभ्यर्थियों को राहत दी जा सकती है। आरक्षित व अनारक्षित दोनों श्रेणियों के अभ्यर्थियों का कहना है कि वह किसी का नुकसान नहीं चाहते। वह अपने लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। ऐसे में 69 हजार शिक्षक भर्ती में सुपर न्यूमेरिक पद सृजित कर राहत दी जा सकती है। सरकार इसके लिए व्यवस्था करे और उसे कोर्ट के सामने रखे।