बीते कुछ समय से अफ्रीकी देशों में कहर बरपा रहा Mpox अब अफ्रीका के बाहर भी अपने पैर पसारने लगा है। गुरुवार को स्वीडन (Sweden and MPox Virus) ने एमपॉक्स के सबसे ज्यादा खतरनाक स्ट्रेन के पहले मामले की पुष्टि की है। इससे पहले हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने इस बीमारी को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। ऐसे में अब स्वीडन में इसके पहले मामले ने हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता और बढ़ा दी है।
स्वीडन की पब्लिक हेल्थ एजेंसी ने पुष्टि की कि यह वायरस का वही प्रकार है, जो सितंबर 2023 से डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में सामने आया था, जिसे क्लैड 1बी सबक्लेड (Clade 1b subclade) के रूप में जाना जाता है। स्वीडन हेल्थ एजेंसी के मुताबिक अफ्रीका से लौटने के बाद स्टॉकहोम में मेडिकल केयर की जरूरत पड़ी, जिसके बाद जांच करने पर वह क्लैड I वैरिएंट से संक्रमित पाया गया।
अफ्रीकी देशों से बाहर पहला मामला
एजेंसी ने अपने एक बयान में बताया कि यह अफ्रीकी महाद्वीप के बाहर क्लैड 1 के कारण होने वाला पहला मामला है। यहां के Epidemiologist मैग्नस गिसलेन के मुताबिक, संक्रमिक व्यक्ति इसबीमारी के संपर्क में तब आया, जब वह अफ्रीका के उस हिस्से की यात्रा कर रहा था, जहां एमपॉक्स क्लैड 1 का ज्यादा प्रकोप है। बता दें कि डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में इस बीमारी की वजह से साल की शुरुआत से अब तक 548 लोगों की मौत हो चुकी है।
सबसे पहले कब मिला था वायरस?
इससे पहले WHO ने बीते बुधवार को डीआरसी और पड़ोसी देशों में इस बीमारी के प्रकोप को देखते हुए इसे एक पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कन्सर्न घोषित किया। इस बीमारी को पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था और यह वायरस पहली बार साल 1970 में मनुष्यों में पाया गया था।
क्या है एपॉक्स और इसके लक्षण?
यह एक संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है, लेकिन यह निकट शारीरिक संपर्क के जरिए भी इंसानों से इंसानों में भी फैल सकता है। बात करें इसके लक्षणों (Mpox Virus Symptoms) की, तो इस बीमारी के कारण बुखार, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर बड़े फोड़े जैसे घाव हो जाते हैं।