ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भले ही राज्य में विपक्षी नेता की भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन उन्होंने एक खास तरह की कैबिनेट का गठन किया है। उन्होंने अपनी पार्टी बीजू जनता दल के 50 विधायकों की एक शैडो कैबिनेट (Shadow Cabinet) बनाई है।
इस कैबिनेट में उन्होंने अनुभवी विधायकों को जिम्मेदारी दी है कि वो मोहन माझी सरकार के कामकाज पर निगरानी रखें। इन 50 विधायकों का काम ओडिशा सरकार के कैबिनेट द्वारा लिए जाने वाले फैसलों की समीक्षा करना है। वहीं, समय-समय पर शैडो कैबिनेट राज्य के विभागीय मंत्रियों को आईना दिखाने का भी काम करेगी।
नवीन पटनायक सरकार में वित्त मंत्री रहे प्रसन्ना आचार्य वित्त विभाग की निगरानी करेंगे, जबकि प्रशासन और लोक शिकायत की निगरानी प्रताप देब करेंगे। पूर्व मंत्री निरंजन पुजारी गृह, खाद्य और उपभोक्ता कल्याण विभागों की निगरानी करेंगे।
क्या है शैडो कैबिनेट ?
कई लोकतांत्रिक देशों में विपक्षी दल, सरकार के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए अपने विधायकों या सांसदों की एक शैडो कैबिनेट तैयार करती है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन जैसे देशों में शैडो कैबिनेट की परंपरा है। हाल ही में ब्रिटिश संसद के नेता प्रतिपक्ष ऋषि सुनक ने शैडो मंत्रिमंडल का गठन किया है। कंजरवेटिव पार्टी ने उत्तराधिकारी तय होने तक सुनक को हाउस आफ कामन्स में अंतरिम नेता प्रतिपक्ष बनाया है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक कई सालों तक ब्रिटेन में रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने ब्रिटेन से इस कॉन्सेप्ट को अपनाया है।
कब-कब देश में बनाए गए शैडो कैबिनेट?
राजस्थान में कांग्रेस के विधायक और विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने भी राज्य में शैडो कैबिनेट बनाने की बात कही है। बता दें कि इससे पहले साल 2005 में महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने विलासराव देशमुख की लीडरशिप में तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी सरकार पर निगरानी रखने के लिए शैडो कैबिनेट का गठन किया था। साल 2015 में मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार के दौरान कांग्रेस ने इस कॉन्सेप्ट का इस्तेमाल किया था।
इसके अलावा साल 2018 में केरल में पिनराई विजयन सरकार के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए विपक्षी दल द्वारा शैडो कैबिनेट का गठन किया गया था।