HomeNationalबीमारी के बाद Depression बन सकता है बड़ी समस्या, इन ट्रिक्स से...

बीमारी के बाद Depression बन सकता है बड़ी समस्या, इन ट्रिक्स से बूस्ट करें अपना मूड

बीमारी किसी भी प्रकार की हो, उससे जूझना और फिर रिकवर होना एक बेहद दुखद और कठिन समय होता है। ऐसे में इससे उबरने के बाद एक ऐसा समय आ सकता है, जब आपको लगता है कि आपकी बीमारी तो ठीक हो गई है, लेकिन फिर भी आपका मन और दिमाग उलझन में है। आपके अंदर एक असुरक्षा की भावना घर कर जाती है, जिसकी वजह से रातों की नींद तक उड़ जाती है। यह एक तरह की डिप्रेशन की भावना होती है।

Advertisements

डिप्रेशन आपको यह बताता है कि आपको एक रेस्टिंग कुशन की जरूरत है, जहां आप सुकून से लेट सकें, लेकिन ऐसा कुशन आपको कहीं मिलता नहीं है। आप अकेले ही अपने दिमाग में एक लड़ाई लड़ते हैं और आपका दिमाग आपको कहता है कि बस अब और नहीं! इससे निपटने के पहले जानते हैं क्यों होता है बीमारी के बाद डिप्रेशन-

Advertisements

बीमारी के बाद डिप्रेशन के कारण-

  • हम इस ख्याल से खुद को रोज मारते हैं कि हमने अपनी अच्छी सेहत, फ्री लाइफ, दर्द से दूर एक अच्छे जीवन को हल्के में लिया और समय रहते इसे महत्व नहीं दिया और सेहत का ख्याल नहीं रखा, जिससे हम बीमार पड़े।
  • बीमारी से होने वाले लक्षण आपको हर समय एक भय और असुरक्षा की भावना से घेरे रहते हैं। डर, गिल्ट, शर्म, ब्लेम, ओवरथिंकिंग और मूड स्विंग के कारण आप खुद को हर गलती के लिए जिम्मेदार मानते हैं और ये भावना चरम पर जाने पर सुसाइड के ख्याल भी आने लगते हैं।
  • कुछ बीमारी की दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के कारण भी थकान, लो एनर्जी, चिड़चिड़ापन और उलझन महसूस हो सकती है, जो धीरे धीरे डिप्रेशन में तब्दील हो जाती है।

बीमारी के बाद होने वाले डिप्रेशन से ऐसे डील करें-

  • डिप्रेशन की जल्दी पहचान ही इसका सही इलाज है। इसलिए इसके लक्षण पहचानें और समय रहते एक्सपर्ट से मदद लें।
  • साइकोथेरेपी में किसी लाइसेंस्ड प्रोफेशनल से बात कर के आप अपने व्यवहार और उन भावनाओं पर नियंत्रण करना सीख सकते हैं, जिनसे डिप्रेशन ट्रिगर होता है।
  • कुछ मामलों में डिप्रेशन बीमारी के लक्षणों पर भी निर्भर करता है। जिस बीमारी के कारण डिप्रेशन हुआ है, उस बीमारी का कोई खास इलाज या प्रोटोकॉल है, तो उसे
  • बिना लापरवाही किए फॉलो करें, जिससे बीमारी के किसी लक्षण से डिप्रेशन ट्रिगर न हो।
  • अगर जरूरत हो, तो डॉक्टर के निर्देश पर एंटी-डिप्रेसेंट लें।
  • मेडिटेशन और ध्यान भी एक बढ़िया विकल्प है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments