साकार विश्व हरि भोले बाबा के प्रति अनुयाइयों की आस्था कहें या अंधविश्वास, मंगलवार को सिकंदराराऊ में सत्संग के बाद हुए भयावह हादसे की चीत्कार चहुंओर हो रही थी, तब केदार नगर स्थित बाबा की कुटिया पर माथा टेकने के लिए अनुयाइयों का तांता लगा हुआ था।
ये वही कुटिया थी जिसमें बाबा आज से करीब 29 साल पहले गोद ली हुई बेटी के शव को दो दिन तक रखे रहे थे। जिंदा करने के जतन करने की अफवाह पर पहुंची पुलिस से बाबा ने कहा था कि ये मैं नहीं, मेरे अनुयायी कह रहे हैं। हालांकि, बेटी जिंदा नहीं हुई थी।