हिंडनबर्ग ने कारण बताओ नोटिस को “बकवास” और “पूर्व निर्धारित उद्देश्य की पूर्ति के लिए मनगढ़ंत” करार दिया।
अमेरिकी फर्म ने लगाए सेबी पर आरोप
हिंडनबर्ग ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि हमारे विचार से सेबी की जिम्मेदारी निवेशकों की रक्षा करना है, जबकि सेबी धोखाधड़ी करने वालों की रक्षा कर रहा है। इसके आगे फर्म ने कहा कि भारतीय बाजार के सूत्रों के साथ हमारी चर्चा हुई थी और हमने पाया कि हमारी रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने अदाणी ग्रुप की सहायता करना शुरू कर दिया था।
अमेरिकी फर्म ने कहा कि कारण बताओ नोटिस कुछ सवालों का समाधान करता है: “क्या हिंडनबर्ग ने अदानी को छोटा करने के लिए दर्जनों कंपनियों के साथ काम किया, जिससे करोड़ों डॉलर कमाए? नहीं – हमारे पास एक निवेशक भागीदार था, और हम मुश्किल से ही लागत से ऊपर निकल पाए।”
फर्म ने कहा की अदाणी पर हमारा काम वित्तीय या व्यक्तिगत सुरक्षा के दृष्टिकोण से कभी भी उचित नहीं था, लेकिन अब तक यह वह काम है जिस पर हमें सबसे अधिक गर्व है।
हिंडनबर्ग ने कहा कि उसे 27 जून को सेबी से एक ईमेल मिला और बाद में भारतीय नियमों के संदिग्ध उल्लंघनों को रेखांकित करते हुए एक कारण बताओ नोटिस मिला।
अदाणी ग्रुप पर लगाया था ये आरोप
24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर कई आरोप लगाए गए थे।
- अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन का आरोप लगाया था।
- फर्म ने मनी लाउंड्रिंग और अकाउंटिंग फ्रॉड का भी आरोप लगाया था।
- फर्म की रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया था कि अदाणी ग्रुप की 7 कंपनियों के शेयर में 85 फीसदी तक की तेजी आई यानी स्कॉय रॉकेट वैल्यूएशन हुआ है।
- फर्म ने अपने रिपोर्ट में बताया कि अदाणी ग्रुप पर 2.20 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।
- अदाणी ग्रुप पर आरोप लगाया कि उसने मॉरीशस और दूसरे देश में पैसे भेजकर अपने शेयर खरीदें हैं।
अदाणी ग्रुप के शेयरों पर पड़ा था असर
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का असर अदाणी ग्रुप के शेयरों पर पड़ा था। पिछले साल 24 जनवरी को अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर का भाव 3442 रुपये था जो 22 फरवरी तक गिरकर 1404 रुपये हो गया था।