अयोध्या
पाकिस्तान के लगभग 30 शहरों के 250 सिंधी श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन-पूजन किया। सिंधी श्रद्धालुओं ने सरयू स्नान के साथ हनुमानगढ़ी, कनकभवन, भरत की तपस्थली नंदीग्राम भी पहुंच आस्था निवेदित की।
श्रद्धालुओं के इस समूह का संयोजन छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित प्रसिद्ध शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर साईं डा. युधिष्ठिरलाल ने किया। सिंधी समाज के प्रवक्ता ओमप्रकाश ओमी ने बताया कि श्रद्धालुओं के समूह में पाकिस्तान के कराची, लाहौर, सक्खर, घोटकी, हैदराबाद आदि सहित कई शहरों के श्रद्धालु शामिल रहे। सबसे अधिक संख्या सिंध प्रांत के श्रद्धालुओं की थी।
यह श्रद्धालु सिंध प्रांत के जरवार, मीरपुर, खानपुर, चुंडकों, शहजादपुर, पनो आकील, बैजी, मैसरा, भैलारी कंधकोट, पीतापिन, रेहणकी, चिचड़ा आदि क्षेत्र के थे। यह पहला अवसर है जब राममंदिर निर्माण के बाद इतनी बड़ी संख्या में पाकिस्तान के सिंधी समाज के लोग अयोध्या दर्शन के लिए आए हैं।
इस अवसर पर साईं युधिष्ठिरलाल ने कहा कि बहुत ही हर्ष का विषय है कि जिस तरह पांच सौ वर्षों बाद रामजन्मभूमि मिली और राममंदिर का निर्माण हुआ है, उसी तरह सिंध प्रांत भी भारत का एक दिन हिस्सा बनेगा। इससे पूर्व अयोध्या सिंधी समाज एवं सिंधी सेंट्रल पंचायत की ओर से श्रद्धालुओं का स्वागत भी किया गया।