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देश में फर्जी शंकराचार्य बनकर बैठे संतों के नाम को शंकराचार्य परिषद सार्वजनिक करते हुए कोर्ट में अपील करने वाली है। परिषद के अध्यक्ष ने दावा किया है कि इसके लिए कोर्ट में याचिका दायर की जा रही है कि देश में चार के अलावा पांचवां संत अपने आप को शंकराचार्य न लिख सके। यदि कोई लिखे तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
देश में शंकराचार्य की चार पीठ हैं, जिसमें उत्तर मठ में ज्योतिर्मठ जो कि जोशीमठ में स्थित है। पूर्वी में गोवर्धन मठ जो कि ओडिशा के पुरी में स्थित है। दक्षिणी में शृंगेरी शारदा पीठ जो कि शृंगेरी में स्थित और पश्चिमी में द्वारिका पीठ जो कि द्वारिका में स्थित है। चार पीठ होने पर देश में 50 से अधिक संत शंकराचार्य लिखते हैं।
शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष ने दावा किया है कि इसमें कई संत फर्जी शंकराचार्य हैं जो शंकराचार्य के पद की गरिमा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ऐसे संतों के नाम सार्वजनिक होने जरूरी है। उन्होंने कहा कि मठाम्नाय ग्रंथ के अनुसार ही शंकराचार्य को मान्यता दी जाए।
आंनद स्वरूप ने ‘हिन्दुस्तान अखबार’ से बातचीत में कहा कि शंकराचार्य परिषद का गठन फर्जीफिकेशन को समाप्त करने के लिए ही हुआ है। कहा कि कोर्ट में इसके लिए अपील की जा रही है, ताकि शंकराचार्य के अलावा कोई भी शंकराचार्य न लिख सकें।
शक्तिपुरी निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं
हरिद्वार। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर पद पर साध्वी शक्तिपुरी का शुक्रवार को पट्टाभिषेक हो गया। अखाड़े के पंच परमेश्वर की अध्यक्षता एवं आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी के सानिध्य में शक्तिपुरी का पट्टाभिषेक हुआ।
काशी विद्वत परिषद ने नहीं किया नाम का अनुमोदन
वाराणसी। श्रीकाशी विद्वत परिषद ने ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य पद पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के नाम का अनुमोदन करने की खबरों का खंडन किया है। शुक्रवार को वायरल एक सूचना का खंडन परिषद के अध्यक्ष पद्मभूषण पं. वशिष्ठ त्रिपाठी ने किया।