तमाम पर्यटक टिकट न मिलने से मायूस होकर बिना ताजमहल देखे ही लौट रहे हैं। लपके टिकटों की कालाबाजारी कर रहे हैं। देसी और विदेशी पर्यटकों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। यही नहीं इससे पर्यटन कारोबार पर भी असर पड़ रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों के मुताबिक, रविवार तक ही तकनीकी खराबी के ठीक होने के बाद टिकट बुकिंग विंडो खुलने की संभावना है।
सात दिन पहले सर्वर में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण पूर्वी और पश्चिमी गेट की बुकिंग विंडो बंद करनी पड़ी थी। वहां से आफलाइन टिकट खरीदने वाले सैलानियों के सामने बड़ी समस्या पैदा हो गई है। सैलानी ताजमहल का दीदार करने के लिए आते हैं। बुकिंग विंडो पर पहुंचकर पता चलता है कि सर्वर में तकनीकी खराबी के कारण आफलाइन टिकट नहीं मिलेगी। ऐसे में काफी पर्यटक तो ताज का दीदार किए बिना ही मायूस लौट जाते हैं। कुछ पर्यटक लपकों का शिकार हो जाते हैं। लपके आनलाइन बुकिंग के माध्यम से उन्हें महंगी दरों पर टिकट उपलब्ध करा देंते हैं।
कोरोना काल में भी लपकों ने काटी थी चांदी
कोरोना काल में लंबे समय तक ताजमहल बंद रहा था। जब पर्यटकों की सीमित संख्या की शर्तों के साथ ताजमहल खुला तो आनलाइन टिकटों की बुकिंग की भी व्यवस्था की गई। ऐसे में लपके सक्रिय हो गए थे। वह पहले से ही टिकट बुक करा लेते थे। सैलानियों की सीमित संख्या इन लपकों द्वारा बुक करा लिए जाने से आम सैलानी बुक नहीं कर पाता था। बाद में लपके सैलानियों को ऊंची कीमत पर टिकट का प्रिंट निकालकर दे देते थे। अब बुकिंग विंडो बंद होने का लाभ फिर से लपके उठाने लगे हैं।
पर्यटन कारोबार पर भी पड़ रहा असर
कोरोना काल में काफी नुकसान उठा चुके पर्यटन कारोबारियों का काम कुछ महीने से ढर्रे पर आया था, लेकिन अब फिर से स्थिति खराब हो गई है। बुकिंग विंडो बंद होने से पर्यटक ताज का दीदार नहीं कर पा रहा है। इसके चलते सैलानी होटलों में ठहर भी नहीं रहा है और न ही एंपोरियम तक खरीदारी के लिए जा रहा है। गाइडों और फोटोग्राफरों का भी नुकसान हो रहा है। पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि जब थोड़ा बहुत उबरने का मौका आता है तो कोई न कोई घटनाक्रम पूरे व्यापार को प्रभावित कर जाता है।