दिनांक 12 जून, 2022 (रविवार) को प्रातः 10 बजे से नगला पदमा के सामने अम्बेडकर नगर नेनाना जाट, आगरा (उ.प्र.) के सामुदायिक भवन में मा. दिलीप कुमार अम्बेडकर जी की अध्यक्षता में बहुजन द्रविड पार्टी की एक बैठक का आयोजन किया गया।

इस बैठक में मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में बहुजन द्रविड पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मा. दिनेश कुमार गौतम जी मौजूद रहे तथा बैठक का सफल संचालन जिला अध्यक्ष मा. सुनील कुमार केम जी ने किया।
सर्वप्रथम बहुजन महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण तथा संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन कर बैठक की औपचारिक शुरुआत की गई।
तत्पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद बीडीपी महासचिव मा. दिनेश कुमार गौतम जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा; साथियो, जैसा कि आप लोगों को मालूम है कि स्वतंत्रता के पहले बहुजन समाज में जन्मे फुले, शाहू, पेरियार, बिरसा और बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर आदि महापुरुषों ने अपने-अपने समय पर असमानता पर आधारित ब्राह्मणवादी व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष कर बहुजन समाज के उत्थान के लिए अथक प्रयास किए।
बाबासाहेब के परिनिर्वाण के बाद नेतृत्व विहीनता का शिकार हुए बहुजन समाज के लिए मान्यवर कांशीराम साहब एक युग पुरुष के रूप में सामने आए और उन्होंने अपनी सूझ-बूझ तथा कुशल नेतृत्व के बल पर बहुजन महापुरुषों के “सामाजिक परिवर्तन और बहुजन समाज की आर्थिक मुक्ति” आंदोलन के अधूरे पड़े कारवां को मंजिले मक़सूद तक पहुचाने का प्रयास शुरू किया। इसमें वे काफी हद तक सफल हुए। उनके अथक प्रयासों और कुशल नेतृत्व की वजह से ही विखंडित और दिग्भ्रमित बहुजन समाज में सामाजिक-राजनीतिक जागरूकता पैदा हुई और समाज अपने संवैधानिक हक-अधिकार के लिए मुखर हो गया।
अर्थात हमारे बहुजन समाज को अभी तक जो कुछ हक-अधिकार मिले हैं, वे अपने आप ही नहीं मिल गए, बल्कि वे हमारे बहुजन समाज में जन्मे महापुरुषों के अथक संघर्ष और कुर्बानी की बदौलत ही हमें प्राप्त हो सके हैं।
मान्यवर कांशीराम साहब की मृत्यु के बाद बहुजन समाज की जागरूकता को संगठित शक्ति के रूप में तब्दील कर अपने अंतिम उद्देश्य यानी “बहुजन समाज को शासक जमात बनाने और अपनी उन्नति स्वयं करने” की ओर सकारात्मक और सतत प्रयास की जरूरत थी, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद जिन लोगों के हाथों में इस बहुजन आंदोलन की कमान आई उन्होंने अपनी क्षुद्र मानसिकता का परिचय देते हुए इस ऐतिहासिक बहुजन आंदोलन को अपनी स्वार्थपूर्ति का ज़रिया बना डाला। परिणामस्वरूप आज बहुजन समाज और बहुजन आंदोलन की स्थिति सबके सामने है।
मसलन आज जहां एक तरफ ब्राह्मणवादी ताकतें देश-प्रदेश के शासन-प्रशासन में काबिज़ हो नंगा नाच कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ बहुजन आंदोलन एवं बहुजन राजनीति मायावती और उसके जैसे स्वार्थी एवं समझौतावादी लोगों की वजह से रसातल में पहुंच गई है।
साथियों, किसी भी समाज के उत्थान के लिए उसकी युवा पीढ़ी का योगदान अहम होता है, युवा पीढ़ी ही अपने पूर्वजों के कारवां में नई जान फूंकने में सक्षम होती है। लेकिन मान्यवर कांशीराम साहब की मृत्यु के बाद से मायावती द्वारा परोसे गए ‘सर्वजन’ रूपी मीठे ज़हर के परिणामस्वरूप आज की बहुजन युवा पीढ़ी सिद्धांत विहीनता का शिकार नज़र आती है। इसलिए मान्यवर कांशीराम साहब द्वारा तैयार किये गए बहुजन मिशनरी लोगों को आज दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ हमारे सामने बहुजन मिशन का पुनरुत्थान कर ब्राह्मणवादी ताकतों के मुकाबले उसे स्थायित्व प्रदान करने की चुनौती है, तो वहीं दूसरी तरफ अपनी युवा पीढ़ी को सही दिशा में अग्रसर कर उनमें से कुशल नेतृत्व पैदा करने की चुनौती। इसलिए आज हमें दुगुने प्रयास करने की जरूरत है।
चूंकि मायावती ने ब्राह्मणवादी ताकतों के सामने पूर्णतः समर्पण कर बहुजन आंदोलन और बहुजन राजनीति का पूर्णतः सफाया कर दिया है, और उसके अलावा भी बहुजन समाज के नाम पर चल रही जो अन्य तथाकथित पार्टियां हैं उनकी कमान भी प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप में ब्राह्मणवादी ताकतों के हाथों में ही है। इसलिए बहुजन समाज को आज एक ईमानदार एवं कुशल राजनीतिक विकल्प की दरकार थी, जिसे हम लोगों ने “बहुजन द्रविड पार्टी” के रूप में प्रस्तुत करने का काम किया है।
बहुजन द्रविड पार्टी का एक ही उद्देश्य है, बहुजन महापुरुषों द्वारा बताए गए मार्ग पर अग्रसर होकर इस देश में बहुजन द्रविड राज की स्थापना करना। यही मार्ग हमारे लिए ब्राह्मणवादी व्यवस्था की गुलामी से मुक्ति का मार्ग है।
साथियों, वर्तमान की नज़ाकत को समझते हुए हमने मान्यवर कांशीराम साहब के बहुजन आंदोलन के साथ पेरियार साहब के द्रविड आंदोलन को मिलाकर ब्राह्मणवादी ताकतों के मुकाबले एक राष्ट्रव्यापी मजबूत वैचारिक हथियार तैयार किया है। इस सशक्त हथियार का मुकाबला कर पाना ब्राह्मणवादी ताकतों के वश की बात नहीं है।
इसलिए समय की नजाकत को समझते हुए अब सम्पूर्ण भारत देश के बहुजन द्रविड समाज को एक बार फिर से उठ खड़े होने और इस बैनर तले संगठित हो बहुजन महापुरुषों के अधूरे रह गए कारवां को मंजिले मकसूद तक पहुंचाने की जरूरत है। इसके लिए मैं आप लोगों के माध्यम से सम्पूर्ण बहुजन द्रविड समाज से अपील करता हूँ कि आप लोग इस बहुजन-द्रविड मिशन के भागीदार बनें; क्योंकि बहुजन द्रविड समाज में मज़बूत भाईचारा कायम कर तथा आपसी सहयोग से ही अपनी बिगड़ी हुई बात बन सकती है। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूँ। बहुत-बहुत धन्यवाद !
मा. गौतम जी के संबोधन के बाद सर्वमान्य महेंद्र बाबू, डी. के. विट्ठोलिया, प्रदीप कुमार, सुरेंद्र सिंह बौद्ध आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस बैठक में सम्मानित वक्ताओं के अलावा सर्वमान्य प्रदीप उर्फ सोनू ,मानवेन्द्र कुमार, धारा भाई, अवधेश, भागचंद भारती, सोवरन सिंह माथुर, बबलू, नारायन दास, राकेश गोतम, ओतार सिंह, रामहज, दीवान सिंह, राम अवतार, संतोष, रंजीत सिंह, सत्यपाल सिंह बौद्ध, मुकेश कुमार, रिंकू सागर, उमेश कुमार, नित्य प्रकाश सोनी, तारा चन्द बौद्ध, विशम्बर सिंह, सतीश गौतम, राकेश बाबू, बबलू लखपति, लाखन सिंह, राजेश सागर आदि बहुजन मिशनरी साथी उपस्थित रहे!
मा. कांशीराम मिशन में..
अशोक कुमार साकेत
राष्ट्रीय प्रवक्ता
बहुजन द्रविड पार्टी
+91 9717366805