आगरा
सर्विस चार्ज अनिवार्य नहीं, लेकिन कुछ रेस्टोरेंट और होटल इसे जबरन वसूल रहे हैं। ग्राहक स्वेच्छा से दे, तो ठीक, इसे जबर्दस्ती नहीं ले सकते। आगरा के होटल और रेस्टोरेंट संचालकों ने इसे अनएथिकल प्रैक्टिस करार देकर ग्राहकों को जागरूक किया है कि सर्विस चार्ज टैक्स नहीं है, जो सरकार के खाते में जमा हो, ग्राहकों से जबरन वसूलकर कई लोग अपनी जेब भर रहे हैं।
होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा का कहना है कि यदि कोई रेस्टोरेंट या होटल सर्विस चार्ज वसूल रहा है, तो यह बिल्कुल गलत है। होटल में रुकने पर चार्ज दीवारों और छत के लिए नहीं, बल्कि पूरी सर्विस के लिए भुगतान करता है। लेकिन कुछ लोग गलतफहमी की आड़ में सर्विस चार्ज वसूलते हैं, जो गलत है। नियमानुसार सर्विस चार्ज नहीं लेना चाहिए, न किसी को इसे भुगतान करने के लिए बाध्य करना चाहिए
होटल ताज निर्वाण के निदेशक तन्मय गुप्ता ने इसे अनएथिकल प्रैक्टिस बताया। उनका कहना है कि सर्विस चार्ज वसूलना वैध नहीं क्योंकि यह सरकारी खाते में नहीं जाता। यह टिप ही है, जो ग्राहक स्वेच्छा से देता है। इसे जबरन वसूलना गलत है। यह टैक्स नहीं, सिर्फ चार्ज से जो अनिवार्य नहीं।
कई प्रमुख होटलों में इस पर रोक है, लेकिन बजट क्लास और कुछ अच्छे होटल और रेस्टोरेंट जीएसटी के साथ सर्विस चार्ज भी वसूलते हैं। नियमानुसार सर्विस चार्ज लेकर कर्मचारी को देना चाहिए, लेकिन कुछ होटल और रेस्टोरेंट इसमें खेल करते हैं और इसका एक हिस्सा जेब में रखकर आधा हिस्सा ही कर्मचारियों को देते हैं, जबकि उस पर उनका कोई हक नहीं होता।
सर्विस चार्ज को लेकर तमाम होटल और रेस्टोरेंट में विवाद होना आम है। जागरूक ग्राहक आपत्ति जताकर सर्विस चार्ज की जबरन वसूली से बच जाते हैं, लेकिन परिवार के साथ और बेवजह विवाद से बचने के लिए कई लोग चुपचाप भुगतान कर देते हैं।
उपभोक्ता मामलों के जानकारों का कहना है कि यदि किसी रेस्टोरेंट और होटल में आपसे सर्विस चार्ज वसूला जाए, तो उसका भुगतान जबरन न करें। स्वेच्छा से आप कर्मचारी को कुछ भी दे सकते हैं।