आगरा
यूं तो हर शहर में कई प्रकृति प्रेमी होते हैं, लेकिन आगरा के महर्षिपुरम में रहने वाले आरके कपूर का जुनून अलग स्तर पर है। वे अपनी बगिया को सजाने के लिए हर रोज एक पौधा खरीदते हैं। उनकी बगिया में कितने पौधे हैं, वे कभी गिनते नहीं हैं। अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और कार्यक्रमों में तोहफे के रूप में भी पौधे देते हैं। इसके अलावा शहर के हर पार्क, डिवाइडर या संस्थाओं के बुलावे पर पौधे लगाने जाते हैं। आगरा के अलावा वे कश्मीर से कन्याकुमारी तक से पौधे अपने साथ फ्लाइट में लेकर आए हैं।
आरके कपूर कैनरा बैंक में मैनेजर थे। 2016 में सेवानिवृत्त हुुए। बागवानी का शौक था तो सेवानिवृत्त होने के बाद अपना पूरा समय बागवानी को दिया। बेटी भी एक सिकंदरा स्थित एक बैंक में मैनेजर थी। उसे रोज सुबह बैंक छोड़ने जाते थे, तो लौटते में नर्सरी से पौधा लेकर आते थे। बेटी का स्थानांतरण अब गुरुग्राम में हो गया है पर यह सिलसिला आज भी चल रहा है। शनिवार को दो पौधे लाते हैं, जिससे रविवार का कोटा भी पूरा हो सके। आरके कपूर अब तक अपने घर में हजारों पौधे लगा चुके हैं। यही नहीं, वे तोहफे में भी पौधे ही देते हैं।
आरके कपूर बताते हैं कि आमतौर पर सेवानिवृत्त होने के बाद उनके दोस्तों की यह शिकायत रहती है कि समय ही नहीं कटता। वे कहते हैं कि मुझे समय कम लगता है। सुबह से दोपहर तक मैं अपने बगीचे में रहता हूं। शाम को फिर से देखभाल में लग जाता हूं।
आरके कपूर पौधों के लिए इतने जुनूनी हैं कि उन्होंने अपने घर का नक्शा ही बदल दिया है। घर के मुख्य द्वार पर ही इंडोर प्लांट के लिए पूरा कमरा तैयार किया है। यहां एक सेल्फी पोइंट भी हैं, जहां दीवारों पर नकली घास लगाई है। लाइटें पौधों के अनुसार लगाई हैं। दीवारों पर खासतौर से पौधों के डिजाइन के पीवीसी पैनल भी लगाए हैं, जिनके लिए उन्होंने छह महीने इंतजार किया। बगीचे में पौधों के लिए सेंसर वाली लाइटें लगाई हैं। टायरों से लेकर शंख तक में पौधे लगाए गए हैं।