आगरा
डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में डिग्री और अंकतालिका की समस्या नई नहीं है। पिछले एक दशक में अगर किसी ने समस्या ने सबसे ज्यादा विवि की साख को गिराया है, तो वो लंबित डिग्री और अंकतालिका ही है। पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल के कार्यकाल में यह बात सामने आई थी कि 2015 से 2020 तक की सात लाख डिग्रियां विवि में तैयार रखी हुई हैं। इन डिग्रियों के वितरण के लिए पिछले एक साल में लगभग तीन अभियान छलेसर परिसर में आयोजित किए गए हैं। कालेज कोड के अनुसार डिग्रियां और अंकतालिकाएं दी जा रही हैं।
– अलीगढ़ की मोहिनी कुमारी ने 2016 में डीएस कालेज से बीएससी किया था। 2017 में डिग्री के लिए आवेदन किया। डिग्री अब 2021 में मिली है।
– आगरा के अनिमेष सिंह ने आरबीएस कालेज से 2017 में बीएससी कृषि संकाय में किया था। डिग्री के लिए दो साल भटके। डिग्री इस साल मिली है।
− मथुरा की सोनिया कुमारी ने 2015 में एमकाम किया था। तीन साल से डिग्री के लिए विवि के चक्कर काट रही थी। इस साल जनवरी में कालेज से ही डिग्री मिल गई