आगरा में तबाही के तूफान की रफ्तार के आगे कुछ नहीं टिक पाया। पेड़ और खंभे तूफान के आगे नहीं टिक सके। रविवार शाम को आए तूफान के कारण ताजमहल की उत्तर-पश्चिमी यमुना किनारे की बुर्ज का पिलर कैप गिर गया, वहीं अकबर के मकबरे, सिकंदरा स्मारक में प्रवेश द्वार पर लगे इनले पत्थर निकल कर गिर गए। महताब बाग, ताजमहल, सिकंदरा, एत्माद्दौला और रामबाग स्मारक में पुराने पेड़ों को नुकसान हुआ है। ताज में पानी के प्लांट आंधी से उखड़ गए और सेंट्रल टैंक, जामा मस्जिद और नहरों में गंदगी, धूल भर गई। रविवार को तूफान के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सोमवार सुबह से ही स्मारकों पर तैनात कर्मचारियों को सर्वे के लिए भेजा, ताकि नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जा सके। सभी स्मारकों में केवल दो स्मारकों ताजमहल और अकबर के मकबरे, सिकंदरा में ही पत्थरों के टुकड़े गिरे नजर आए।
ताजमहल के यमुना किनारे स्थित मस्जिद के पास की उत्तर पश्चिमी बुर्जी का पिलर कैप गिर गया। दो फुट का चार इंच मोटा पत्थर बाहर की ओर गिरा है, जबकि अकबर के मकबरे के गेट के पर इनले के पत्थर गिर पड़े।
ताजमहल समेत स्मारकों में पेड़ों को काफी नुकसान हुआ है। इनमें अधिकांश पेड़ों की डालियां टूट गई, जबकि एत्माद्दौला, महताब बाग और रामबाग में दो दो पेड़ उखड़ गए।
अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि तूफान के कारण स्मारकों में ढांचागत केवल दो जगह ही थोड़ा नुकसान हुआ है, इनमें ताज में उत्तर पश्चिमी बुर्ज का पिलर कैप और सिकंदरा गेट के इनले पीस निकले हैं।