आगरा
नेशनल इन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) ने ताजमहल के डाउन स्ट्रीम में 1.5 किमी दूरी पर नगला पैमा में रबर चेकडैम के निर्माण को सशर्त अनुमति प्रदान कर दी है। रबर चेकडैम बनने से यमुना लबालब होने पर ताजमहल की सुंदरता में चार चांद लगेंगे और भूगर्भ जल स्तर में भी सुधार होगा। रबर चेकडैम बनने से पूर्व यमुना में गिरने वाले नालों को टैप करना व सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाना जरूरी है। अन्यथा ताजमहल के पार्श्व में सीवेज एकत्र हो जाएगा। इससे समस्या दूर होने के बजाय विकट हो जाएगी
आगरा में यमुना में 92 नाले गिरते हैं। इनमें से 61 नाले सीधे यमुना में गिर रहे हैं और 28 नाले टैप हैं। इनसे सीवेज सीधे यमुना में जा रहा है। गोकुल बैराज के बाद यमुना में पानी के बजाय सीवेज ही बह रहा है। नालों से यमुना में जाने वाले प्रदूषित पानी व सीवेज के शोधन को धांधूपुरा में 100 एमएलडी की क्षमता का नया एसटीपी बनाया जाना है। इसके लिए पेड़ काटने से संबंधित याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। रबर चेकडैम के निर्माण से पूर्व इन नालों को टैप किया जाना और एसटीपी का निर्माण आवश्यक है। एसटीपी नहीं बनने और नाले नहीं टैप किए जाने पर यमुना में प्रदूषित पानी नालों के माध्यम से जाता रहेगा।
बिचपुरी के सदर वन-1, सदर वन-2, बूढ़ी का नगला, जगनपुर, पीलाखार, देवरी रोड और धांधूपुरा में 78 व 24 एमएलडी के एसटीपी हैं। इनका संचालन बीटेक बवाग द्वारा किया जा रहा है।