आगरा
ताजमहल में मंगलवार शाम को भगवाधारी संत और उनके शिष्यों को प्रवेश से रोक दिया गया। संत और उनके शिष्यों ने स्मारक से बाहर निकाले जाने के आरोप लगाए हैं। वहीं, अधिकारी संत को सुरक्षा कारणाें के चलते दंड के साथ प्रवेश से रोके जाने की बात कह रहे हैं।
अयोध्या छावनी के संत जगद्गुरु परमहंसाचार्य अपने तीन शिष्यों के साथ मंगलवार शाम 5:35 बजे ताजमहल देखने पहुंचे थे। उन्हें ताजमहल में प्रवेश से वहां तैनात भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कर्मचारियों व केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने रोक दिया। संत और उनके शिष्यों ने भगवा पहने होने की वजह से प्रवेश से रोके जाने, उनके टिकट लेकर अन्य पर्यटकों को बेचने व पर्यटकों द्वारा मजाक उड़ाने के आरोप लगाए। अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल ने बताया कि संत के पास धर्मदंड था। सीआइएसएफ जवान ने उन्हें धर्मदंड रखकर ताजमहल में प्रवेश करने व लौटकर धर्मदंड लेकर जाने की बात कही थी। संत ने धर्मदंड के बिना स्मारक में प्रवेश से इन्कार कर दिया। इसके बाद क्या हुआ, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
ताजमहल में मंगलवार को एक दंपती भगवान की तस्वीर लेकर सेंट्रल टैंक तक पहुंच गए। वहां तस्वीर निकालते समय उन्हें पकड़ लिया गया। पूछताछ में उन्होंने जानकारी न होने का हवाला दिया, जिसके बाद उनसे लिखित माफीनामा लेकर छोड़ दिया गया।
महंत धर्मेंद्र गिरि गोस्वामी ने इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत देश के कइर् मंत्रियों को टवीट किया है। इसमें लिखा है कि भगवा का ताजमहल में प्रवेश क्यों प्रतिबंिधत है। पूछता है संत समाज…ये टवीट जमकर छाया हुआ है।