आगरा
आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका बनाने के लिए बाल विकास विभाग के अधिकारी गंभीर नहीं है। कई जगहों पर पौधे सूख कर नष्ट हो चुके हैं। कई जगहों पर जमीन के अभाव में पोषण वाटिका अधर में लटक गई है। विभाग ने 49.75 प्रतिशत यानी 1,235 पोषण वाटिका बनाने का दावा किया है। ऐसे में लक्ष्य प्राप्त करने के लिए छह महीने का और समय लग सकता है। अफसरों की उदासीनता पर सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में बच्चों के सेहत में गुणात्मक सुधार कैसे आएगा
बाल विकास और पुष्टाहार विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्राें में पोषण वाटिका बनाया जाना है, इनमें सहजन, मूली, भिंडी, बैगन, टमाटर समेत अन्य तरह की सब्जियों को उगाना है। ताकि पोषण वाटिका के सब्जियों को बच्चों के अभिभावकों को दिया जाए और वे लोग आहार में शामिल कर सके। जिले में कुल 3,004 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। राज्य पोषण मिशन के महानिदेशक की ओर से कुल 2,482 पोषण वाटिका बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। विभाग की ओर से 1,235 पोषण वाटिका बनाने का दावा किया गया है। ऐसे में बच्चों के पोषण में सुधार कैसे आएगा ये एक बड़ा सवाल है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पोषण ट्रेकर एप पर ब्योरा को फीड करना होगा। इसमें सब्जियों के नाम का उल्लेख करना आवश्यक है। राज्य पोषण मिशन की ओर से निगरानी की जाती है।
बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, पंचायती राज, आयुष, उद्यान, वन, कृषि विभाग को संयुक्त रूप से विस्तृत कार्ययोजना तैयार करना है। इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका बनाया जाना है ताकि किसी तरह की व्यवहारिक अड़चन नहीं आए।
लगभग 600 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपनी भूमि नहीं है। जिन आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका बनाई गई है। गर्मी के चलते कई जगहों पर पौधों पर मौसम का प्रभाव है। इसके चलते पोषण वाटिका के पौधों के सूखने के बारे में जानकारी मिली है। बाल विकास परियोजना अधिकारी को पर्यवेक्षण के निर्देश दिए गए हैं।