आगरा
आर्थिक रूप से कमजोर कैंसर, ह्रदय सहित गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज मिल सके। इसके लिए 2018 में शुरू की गई आयुष्मान योजना से 8.90 लाख लोगों को इलाज की सुविधा मिलनी थी। मगर, योजना के चार साल बाद भी 8.90 लाख लोगों में से 2.15 लोगों के ही आयुष्मान कार्ड बने हैं। यही नहीं, जिन लोगों के कार्ड बन गए हैं, उन्हें यह भी नहीं पता है कि इलाज कहां मिलेगा। वहीं, ऐसे लोगों की भी बड़ी संख्या है, जिनको पता नहीं नहीं कि वे आयुष्मान योजना के लाभार्थी हैं। शहर और देहात में ऐसे लोगों की भी संख्या अधिक है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और योजना के लाभार्थी में उनका नाम नहीं है।