बल्लभगढ़
अग्रवाल महाविद्यालय बल्लमगढ़ में दिनांक 8 अप्रैल 2022 को “उच्च शिक्षा; मुद्दे और चुनौतियां” विषय पर दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गयाl कार्यक्रम का प्रारंभ दीपशिखा प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ किया गया। इस कार्यक्रम के संरक्षक महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. कृष्ण कांत गुप्ता जी है । इस राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि श्री त्रिलोक चंद (उप मंडल अधिकारी, बल्लभगढ़ (नागरिक)) रहे। संसाधक वक्ता के रूप में प्रोफेसर प्रसनान्सू (राष्ट्रीय कानूनी विश्वविद्यालय द्वारका, नई दिल्ली) संसाधक वक्ता डॉ. एस.बी. कुलश्रेष्ठ (महानंद मिशन हरिजन महाविद्यालय, गाजियाबाद), संसाधक वक्ता डॉ. के.पी.सिंह (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, नई दिल्ली) रहे। महाविद्यालय प्राचार्य जी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए; इस दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का महत्व एवं उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह सम्मेलन निश्चित ही लाभप्रदा सिद्ध होगा । शिक्षक और शिक्षण की मूलभूत आवश्यकताओं को समझते हुए हमें सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना होगा। विद्यार्थियों में संवेदना विकसित करनी होगी; और उन्होने आयोजकों को सफल कार्यक्रम आयोजन के लिए बधाई दी। श्री त्रिलोक चंद्र जी ने अपने विचारों के माध्यम से उच्चत्तर शिक्षा में चुनौतियों को आज के समय की सबसे बड़ी विकास मार्ग में बाधा बताया। उन्होंने संकल्पों के ही सिद्धांतों के जन्मदाता कहा तभी ज्ञान का प्रकाश संसार को प्रकाशित कर सकेगा। इसके पश्चात प्रोफेसर प्रसनान्सू जी, ने अपने विचारों के माध्यम से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षा के उद्देश्य का निर्माण, भौतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिकता के आधार पर शिक्षा के लिए अनुकूल वातावरण बनाना अति आवश्यक बताया। डॉ. एस.वी. कुलश्रेष्ठ जी, ने अपने विचारों से अवगत कराते हुए इस बात पर बल दिया कि विद्यार्थी जीवन में किताबों का विशेष महत्व है। पुस्तकालय की आवश्यकता हमेशा रहेगी। पुस्तकालय और पुस्तकों से प्रेम करना चाहिए, यही हमारे जीवन के मार्गदर्शक हैं। डॉ. के.पी. सिंह ने संकाय विकास, आंतरिक मूल्यांकन को अधिक महत्व देने की बात कही। विद्यार्थियों की दैनिक प्रगति, उनके द्वारा किए गए; विभिन्न साहित्यिक, सांस्कृतिक, खेलकूद एवं रचनात्मक कार्यक्रमों में भागीदारी, आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर सार्थक बताई। इस अवसर पर ” उच्च शिक्षा; मुद्दे और चुनौतियां” नामक पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक में भी उच्च शिक्षा की गुणवत्ता, ज्ञान के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है डॉ. कृष्ण कांत गुप्ता, डॉ. रामचंद्र और प्रोफेसर प्रसनान्सू द्वारा इस पुस्तक का संपादन किया गया है। दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में “पुस्तक मेला उत्सव” का आयोजन भी किया जा रहा है। इस अवसर पर फरीदाबाद, दिल्ली, भोपाल, मेरठ से आए प्रकाशकों ने पुस्तक मेले में अहम भूमिका निभाई। डॉ. ज्ञानेंद्र जी ने भी अपने विचारों से हम सभी का मार्गदर्शन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक अग्रवाल विद्या प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष श्री देवेंद्र कुमार गुप्ता जी हैं। प्राचार्य जी के कुशल मार्गदर्शन व संरक्षण से सम्मेलन को एक आयाम दिया गया। कार्यक्रम के (संयोजक) डॉ. रामचंद्र व (सह-संयोजक) डॉ. जयपाल सिंह व डॉ. गीता गुप्ता ने (आयोजक सचिव) की भूमिका अदा की। इस कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जयपाल सिंह ने किया। दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन पुस्तकालय समिति द्वारा किया गया । 154 शोधार्थी, शिक्षको और विद्यार्थियों ने ज्ञानवर्धन किया। प्रश्नों के माध्यम से विचार विमर्श किऐ गये। अतिथियों को सम्मान के प्रतीक रूप में स्मृति चिन्ह दिए गए। इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान द्वारा किया गया।