आगरा
पूरे उत्तर भारत में इस समय जबरदस्त गर्मी पड़ रही है। जितनी तेजी से गर्मी अपने तेवर बढ़ा रही है, उससे इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी परेशान हैं। गर्मियों से गजराज को निजात दिलाने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस के मथुरा स्थित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में स्विमिंग पूल बनाए गए हैं। उनके लिए खास जंबो हाइड्रोथेरेपी पूल बनाए गए हैं। उनके बाड़ों को ठंडा रखने के लिए स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। यही नहीं, उनकी डाइट भी ऐसी कर दी गई है, जिससे उनके शरीर में पानी की कमी न आए।
हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र में वर्तमान में 29 हाथी हैं, जिसमें से 20 मादा हैं। यहां हाथियों के बाड़ों को ठंडा रखने के लिए पानी का छिड़काव होता रहे, इसके लिए स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। हाथी अस्पताल में हाथियों के लिए भारत का पहला जंबो हाइड्रोथेरेपी पूल भी है। इस पूल में हाथियों के पैरों को राहत मिलती है। हाथियों को सबसे ज्यादा दिक्कत पैरों में होती है। ज्यादा वजन के कारण दर्द रहता है। इस पूल में हाइड्रोथेरेपी से मांसपेशियों के दर्द से राहत देने के साथ-साथ मांसपेशियों को प्राकृतिक तरीके से पुनर्निर्माण में मदद करता है। हाइड्रोथेरेपी पूल 11 फुट गहरा है और इसमें 21 हाई प्रेशर वाले जेट स्प्रे लगे हैं। जो पानी को प्रेशर से फेकते हैं, जिससे हाथियों के पैरों और शरीर की मालिश हो सके और रक्त संचार को बढ़ाने में मदद मिल सके। स्विमिंग पूल 400 वर्गमीटर चौड़ा और फुट गहरा है।
हाथियों को गर्मियों से राहत दिलाने के लिए उपयुक्त आहार दिया जा रहा है। जिसमें तरबूज, खरबूज, खीरे, मौसमी जैसे फल और सब्ज़ी शामिल हैं।उनकी डाइट में गन्ना भी शामिल किया जाता है। ऐसे खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं, जिससे उनके शरीर में पानी की कमी न हो। हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए ग्लूकोज का पानी, इलेक्ट्रोलाइट साल्यूशन और हर्बल दवाएं भी दी जाती हैं। एक हाथी एक दिन में 200 से 250 किलो खाना खाता है।
केंद्र पर रह रहे हाथियों को उनके महावत गर्मियों में अल-सुबह और देर शाम को सैर पर ले जाते हैं। केंद्र के पीछे यमुना नदी में हाथी गोते भी लगाते हैं, खेलते भी हैं। शरीर को ठंडा रखने के लिए हाथी अपने ऊपर सूंड से मिट्टी भी फेंकते हैं। महावत गर्मियों में हाथियों को सुबह-शाम नहलाते भी हैं।एसओएस के उप-निदेशक पशु चिकित्सा सेवा डा. एस. इलियाराजा ने बताया कि गर्मियों में हाथियों को बहुत ज्यादा गर्मी लगती है। स्विमिंग पूल में हर दो दिन में पानी बदला जाता है। हाइड्रोथेरेपी पूल से भी हाथियों को राहत मिलती है।