आगरा
यमुना एक्सप्रेस-वे पर अनाधिकृत वाहनों का संचालन हो रहा है। इन पर नकेल कसने वाला जिम्मेदार परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस पूरी तरह फेल हो गए हैं। पूरे दिन दौड़ने वाले छोटे वाहन, बसों से ठेकेदार वसूली करता है, जिस पर नकेल नहीं कस पा रही है। चिंता की बात ये है कि इन वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा की भी कोई गारंटी नहीं है। दरअसल बिना फिटनेस और घिसे हुए टायरों के साथ केवल कमाई से मतलब है।
यमुना एक्सप्रेस वे पर कुबेरपुर से निजी कार टैक्सी के रूप में अनाधिकृत रूप से संचालित हो रही हैं। सात सीटर गाड़ी में 10 और उससे अधिक लोगों को भरकर ये वाहन एक्सप्रेस वे पर दौड़ लगाते हैं। वहीं अनाधिकृत निजी बसें भी जमकर सवारियां भर लेती है। इस बाद गंतव्य तक पहुंचने की होड़ शुरू होती है। इन वाहनों में से अधिकतर अनफिट हैं, तो परमिट भी नहीं है। इसके बाद भी जिम्मेदार इन्हें देख आंखें मूद लेते हैं। कुबेरपुर में जहां से ये पूरा अवैध कारोबार होता है, वहां से चंद कदम दूरी पर ही छलेसर चौकी है, लेकिन वे भी इस पर लगाम कसने में कोई रूझान नही दिखाती है। ईको वाहन के चालक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ठेकेदार से जब एक बार डील हो जाती है, तो पूरे महीने मुश्किल नहीं होती है। चार हजार में सौदा किया है, 500 रुपये और देने है। बस चालक ने बताया कि प्रति चक्कर की देनदारी है। हर चक्कर या एक मुश्त भुगतान करना होता है।