आगरा
देश के दूसरे एयरपोर्ट की तरह से टाटा समूह को विमानन कंपनी एयर इंडिया पर चढ़ा खेरिया हवाई अड्डे प्रबंधन का भी कर्जा चुकाना होगा। इसके लिए प्रबंधन ने पुराना बही-खाता खुलवा दिया है। पाई-पाई का हिसाब तैयार किया जा रहा है। एयरपोर्ट प्रबंधन ने अब तक लगभग 2.78 करोड़ रुपये की लेनदारी निकाली है। ये रकम खेरिया हवाई अड्डा पर एयर इंडिया के कार्यालय और परिसर में रखे-रखे कबाड़ हुए उपकरणों का किराया है।
बीते 27 जनवरी को टाटा समूह में एयर इंडिया की कमान आ गई। ऐसे में टाटा समूह को एयर इंडिया की देनदारी चुकाने की भी शर्त है। विमानन कंपनी एयर इंडिया ने सालों तक खेरिया हवाई अड्डे से अपनी हवाई सेवाओं का संचालन किया। इसके लिए हवाई अड्डा परिसर में न सिर्फ कार्यालय तैयार किया बल्कि फ्लाइट के संचालन में उपयोग आने वाले उपकरणों के लिए भी खेरिया हवाई अड्डा प्रबंधन से जगह किराए पर ली। मगर, बीते लगभग दस साल से एयर इंडिया ने ये किराया नहीं चुकाया है। न ही जगह खाली की। ऐसे में रखरखाव के अभाव में न सिर्फ कार्यालय खंडहर हो गया है बल्कि उपकरण भी कबाड़ा हो गए हैं। ऐसे में अब टाटा समूह को खेरिया हवाई अड्डा प्रबंधन को इसका कर्जा चुकाना होगा।
एयर इंडिया की आखिरी फ्लाइट जनवरी 2021 में आई थी। गोवा से आगरा हाेते हुए ये फ्लाइट दिल्ली के लिए चली थी। सप्ताह में एक दिन संचालित होने वाली यह फ्लाइट बमुश्किल दो या तीन बार खेरिया हवाई अड्डे पर आई। इसके बाद से आगरा में एयर इंडिया की एक भी फ्लाइट नहीं आई।
एयर इंडिया ने टर्मिनल के अंदर चेकिंग डेस्क, इसके साथ ही हाल में ही एयर इंडिया के अधिकारी और स्टाफ के लिए तीन कमरे, वेटिंग रूम, परिसर में बने चार कमरों का अन्य कार्यालय, सीढ़ी, ट्राली, पावर हाउस आदि।