आगरा
मेट्रो के तीन भूमिगत स्टेशनों ताजमहल, आगरा किला और जामा मस्जिद का निर्माण मार्च के अंतिम सप्ताह से शुरू होगा। यह कार्य तीन साल तक चलेगा। 17 से 18 मीटर की गहराई पर स्टेशनों का निर्माण होगा। इसके चार टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) का प्रयोग किया जाएगा। एक मशीन 24 घंटे में दस से 15 मीटर की खोदाई करेगी और कंकरीट सिगमेंट को लगाने का कार्य पूरा करेगी। खोदाई के दौरान निर्धारित रूट पर 500 सेंसर भी लगाए जाएंगे।
आगरा मेट्रो के प्राथमिकता वाले कारिडोर में छह स्टेशन हैं जिसमें तीन एलीवेटेड और तीन भूमिगत स्टेशन शामिल हैं। तीन स्टेशनों का कार्य तेजी से चल रहा है। उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) के एक अधिकारी ने बताया कि 1820 करोड़ रुपये से सात भूमिगत स्टेशनों का निर्माण होगा। इसकी शुरुआत मार्च के अंतिम सप्ताह से होगी। निर्धारित स्थलों पर प्लेटफार्म बनाया जाएगा। अगस्त के पहले सप्ताह से टीबीएम का आना शुरू होगा। पहले एक मशीन से शुरुआत होगी फिर एक माह में तीन अन्य मशीनों का प्रयोग शुरू होगा। सभी मशीनें बिजली चलित होंगी। टनल का व्यास 6.3 मीटर का होगा।
भूमिगत स्टेशनों की खोदाई आसान नहीं होगी। एक मीटर से 57 टन के आसपास मिट्टी निकलेगी। यानी चार मशीनों के प्रयोग होने से एक साथ 228 टन मिट्टी निकलेगी। यूपीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि इतनी अधिक मिट्टी का प्रयोग किसी भी रूप में नहीं किया जा सकेगा। जिस पर नगर निगम, एडीए और जिला प्रशासन से मिट्टी फेंकने के स्थल का नाम मांगा गया है।